
बिलासपुर। बिल्हा ब्लॉक में हुए फर्जी मेडिकल बिल घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। इस पूरे मामले में शिक्षक नेता साधेलाल पटेल और उनकी पत्नी राजकुमारी पटेल, जो कि शासकीय प्राथमिक शाला दैहानपारा (बैमा) की प्रधान पाठिका हैं, दोनों पर गंभीर आरोप साबित हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक, साधेलाल पटेल ने अपने एक साथी शिक्षक के मेडिकल बिल में फर्जी सील और हस्ताक्षर लगाकर अपने मृतक साले, पत्नी और रिश्तेदारों के नाम से लाखों रुपये का आहरण कर लिया था। जांच में यह भी पाया गया कि फर्जीवाड़े की बड़ी रकम उनकी पत्नी राजकुमारी पटेल के खाते में जमा हुई थी।
फर्जी मेडिकल बिल से घोटाला
जांच रिपोर्ट में सिविल सर्जन और मुख्य अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि ₹33,123 और ₹40,947 की राशि पहले ही संबंधित कर्मचारियों को दी जा चुकी थी। लेकिन बाद में इन्हीं देयकों को कुटरचित दस्तावेज बनाकर दोबारा निकाल लिया गया, जिसमें ₹4,33,123 और ₹2,40,947 की राशि क्रमशः साधेलाल पटेल के रिश्तेदार और उनकी पत्नी राजकुमारी पटेल के खाते (क्रमांक 5402046873) में भेजी गई।
जब इस मामले की जांच हुई तो राजकुमारी पटेल की भूमिका पूरी तरह स्पष्ट हो गई। उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया। इसके बाद संयुक्त संचालक आर. पी. आदित्य ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
साधेलाल पटेल पहले ही निलंबित
उधर, साधेलाल पटेल को पहले ही 7 अक्टूबर को निलंबित किया जा चुका है। वहीं, संबंधित बीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया गया है, लेकिन आवश्यक दस्तावेज न मिलने से अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई है। यह मामला अब शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर हड़कंप मचा रहा है, और अन्य संलिप्त कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।