सड़क पर बैठे मवेशियों को दुर्घटना से बचाव हेतु दूर हटाते हुए .. डॉ. बेद लाल साहू

आरंग…सड़कों पर बैठे मवेशी सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं, जिससे जान माल का नुकसान हो सकता है। इससे बचने के लिए महात्मा गांधी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रीवां विकास खंड आरंग जिला रायपुर के रसायन शास्त्र के व्याख्याता डॉ. बेद लाल साहू जहां पर भी सड़क पर मवेशियों को बैठे हुए सड़क पर देखते हैं तो वह वहीं रुककर या अपनी गाड़ी को सड़क किनारे रखकर मवेशियों को सड़क से दूर भगाकर खुले मैदान में चारागाह की तरफ दूर भगाकर हटाते हैं ।
डॉ . साहू बताते हैं कि मवेशियों को दुर्घटना से बचाने के लिए सड़कों से दूर रखना, जागरूकता अभियान चलाना, और सुरक्षित आश्रय स्थल बनाना आवश्यक है।
सड़कों पर मवेशियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को मवेशियों को सड़क पर न छोड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखने के लिए जागरूक करना चाहिए।
मवेशियों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल बनाए जाने चाहिए, जहां वे आराम कर सकें और सड़क पर न आएं।
यातायात नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए और मवेशियों को सड़क पर देखकर गति धीमी करनी चाहिए। रात के समय, जब दृश्यता कम होती है, तो मवेशियों को देखना मुश्किल होता है, इसलिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

यदि मवेशी सड़क पर बैठे हुए दिखाई देते हैं, तो तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। स्थानीय प्रशासन को सड़कों पर मवेशियों के घूमने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। गौशालाओं का निर्माण करके मवेशियों को आश्रय प्रदान किया जा सकता है। सड़कों पर रिफ्लेक्टिव टेप या बोर्ड लगाकर मवेशियों को दूर से दिखने योग्य बनाया जा सकता है। समुदाय को भी इस समस्या से निपटने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इन उपायों को लागू करके, हम सड़क दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं और मवेशियों और मनुष्यों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। डॉ. साहू समय समय पर विभिन्न सामाजिक सेवा कार्य जैसे वृद्धजन का सम्मान , दिव्यांग प्रोत्साहन , निर्धन छात्र छात्राओं को प्रतिभा प्रोत्साहन , शिक्षा के मुख्य धारा से वंचित दिशाहीन बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से पुनः जोड़कर विद्यालय पहुंचाना , अपने तथा अपने बच्चों के जन्मदिन पर अस्पतालों में जाकर मरीजों तथा उनके परिवार वालों को निःशुल्क भोजन बांटना इत्यादि सेवा कार्य करते रहते है । डॉ. साहू ने बताया कि इस प्रकार के सेवा कार्य करने की प्रेरणा उन्हें उनके परिवार में स्वर्गीय माताजी देवकुंवर साहू एवं स्वर्गीय पिता श्री घसिया राम साहू कुसमुंद वाले से मिली है।
