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खिलेश्वर के परिजनों से मिले पूर्व विधायक, जताया शोक,घायल यश कुमार को मुआवजा, ईलाज का खर्च देने प्लांट प्रबंधन से की चर्चा

खिलेश्वर के परिजनों से मिले पूर्व विधायक, जताया शोक,घायल यश कुमार को मुआवजा, ईलाज का खर्च देने प्लांट प्रबंधन से की चर्चा

महासमुंद। करणी कृपा पावर प्लांट में दुर्घटना में मृत युवक ग्राम भोरिंग निवासी स्व. खिलेश्वर साहू के घर जाकर पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने शाेकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने दिवंगत खिलेश्वर की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। पश्चात श्री चंद्राकर ने प्लांट में काम के दाैरान घायल यशकुमार साहू के निवास जाकर उनसे मुलाकात की। इस दाैरान घायल यशकुमार साहू से श्री चंद्राकर ने हाल जाना तथा कांग्रेस संगठन की ओर से उनके हक की लड़ाई में सदैव साथ रहने की बात कही। श्री चंद्राकर ने कहा कि प्लांट प्रबंधन की लापरवाही से मजदूरों की माैत अत्यंत हृदय विदारक घटना है। प्लांट प्रबंधन को सुरक्षा के पूर्ण व्यवस्था मजदूरों के लिए करना चाहिए। 

श्री चंद्राकर ने करणी कृपा पावर प्लांट प्रबंधन के अधिकारियों से चर्चा कर इस मामले गहरी नाराजगी व्यक्त की और यशकुमार साहू को मुआवजा देने व ईलाज का संपूर्ण खर्च वहन करने की बात कही। साथ ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे यशकुमार को जीवन निर्वाह के लिए आर्थिक सहयोग व स्वस्थ होने पर शारीरिक क्षमता के अनुसार नियमित कर्मचारी के रूप में पावर प्लांट में नियुक्त करने की बात कही। जिस पर प्लांट प्रबंधन ने श्री चंद्राकर को यशकुमार के उपचार व सहयोग के लिए नियमत: हर संभव मदद करने आश्वस्त किया। इस दाैरान श्री चंद्राकर के साथ ब्लाॅक कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष खिलावन साहू, जय पवार भी माैजूद थे।

नियम विरुद्ध केंद्र सरकार ने दी एनओसी

श्री चंद्राकर ने कहा कि विगत 9 माह से प्रदेश में भाजपा की  सरकार है। क्या सरकार की प्रशासनिक तंत्र इस कदर कमजोर है कि पिछले 3 महीने से घट रही दुर्घटनाओं की जानकारी उन्हें नहीं मिली। और यदि प्लांट प्रबंधन की लापरवाही से दुर्घटनाएं हुई है तो इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। प्लांट यदि अवैध है तो इसे एनओसी कैसे मिली। एनजीटी की एनओसी केंद्र सरकार से मिलती है, केंद्र ने नियमों को ताक में रखकर एनओसी क्यों जारी किया। गरीब मजदूरों की मौत पर वर्तमान सरकार क्या प्लांट की एनओसी रद्द करेगी। इसके अलावा प्लांट में नियमों का पालन करने औद्योगिक स्वास्थ व सुरक्षा विभाग ने क्यों संज्ञान नहीं लिया। हादसे के जिम्मेदार दोषी अफसर व मामले को दबाने वाले लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसका जवाब भाजपा सरकार को देना चाहिए।

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