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CG : छत्तीसगढ़ रजत जयंती महोत्सव अंतर्गत एकदिवसीय संगोष्ठी “छत्तीसगढ़@2047 का आयोजन

रायपुर।  आज दिनांक 10/09/2025 को शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छत्तीसगढ़ रजत जयंती महोत्सव के अंतर्गत एक दिवसीय संगोष्ठी “छत्तीसगढ़@2047 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महापौर,नगर पालिका निगम, रायपुर  मीनल चौबे ने कहा कि युवा वर्तमान और भविष्य है। युवाओं को सोच ऊंचा रखने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ निरंतर आगे बढ़ रहा है और युवाओं से अपेक्षा है कि सामुहिक भागीदारी द्वारा ही शहर एवं छत्तीसगढ़ का विकास किया जा सकता है। छात्राओं का आह्वान कर उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत होने की बात कही। संगोष्ठी में मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. शशांक शर्मा, अध्यक्ष, साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद ने कहा छत्तीसगढ़2047 के लिए राज्य शासन के नीति आयोग द्वारा मिशन तैयार किया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ के चहूंमुखी विकास की योजना तैयार हो सके। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ के राज्य गठन के समय की जीडीपी और आज के जीडीपी में बढोत्तरी हुई है। हस्त कला, औषधि, शिल्प आज विश्व मे अपनी पहचान बना रहा है। आज छत्तीसगढ़ 6 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन कर रहा है। भारत के अंदर छत्तीसगढ़ ने कम समय मे काफी तरक्की की है। उन्होंने कहा भारत 2047 मे अपने स्वाधीनता के 100वे वर्ष में एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होने की दिशा में काम कर रहा है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल ने उद्घाटन उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के 25 वें वर्ष के उपलक्ष्य में रजत जयंती महोत्सव का आयोजन पूरे छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है। महाविद्यालय में 2 सितंबर से 12 सितंबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत आज छत्तीसगढ़@2047 विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। छत्तीसगढ़ आज तेजी से विकास कर रहा है, छत्तीसगढ़ में, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यटन, अधोसंरचना में आमूल चूल परिवर्तन हुए हैं। छत्तीसगढ़ विशिष्ट संस्कृति एवं आदिम संस्कृति को संरक्षित किये हुए है।

विशिष्ट वक्ता डॉ. प्रीति शर्मा, प्राचार्य, शासकीय शहीद नंदकुमार पटेल महाविद्यालय बीरगांव ने कहा छत्तीसगढ़ एक युवा राज्य है, जब रास्ता स्पष्ट हो संकल्प दृढ़ हो तो मंजिल प्राप्त हो ही जाती है। राज्य ने नए मानकों को धारित किया है। यहाँ साक्षरता दर 70.28% है। राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षण संस्थानों में वृद्धि हुई है यहाँ चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा में आई आई टी, आई आई एम जैसे बड़े संस्थानों की स्थापना से यहाँ के प्रतिभावान छात्रों को लाभ मिला है। छत्तीसगढ़ खनिज प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। खनिज प्रचुरता से औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि हुई है। अनेक उद्योग और कृषि आधारित उद्योगों का विस्तार हुआ है। बस्तर और सरगुजा आज विकास कर रहा है। छत्तीसगढ़ कला, संस्कृति में देश मे अपना विशेष स्थान रखता है। संगोष्ठी में डॉ. रागिनी पाण्डेय ने अपने व्याख्यान में कहा छत्तीसगढ़ में मोर छत्तीसगढ़ मिशन अंतर्गत 13 मिशनो द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास की रूपरेखा तैयार की गई है। छत्तीसगढ़ विशेष तौर पर धान की खेती के लिए जाना जाता है। यहाँ लगभग तेईस हज़ार किस्मे पायी जाती हैं। छत्तीसगढ़ डिजिटल सेवा की ओर आगे बढ़ रहा है और त्वरित सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। बस्तर में 3H मॉडल से विकास कार्य किया जा रहा है। डॉ. महेंद्र सार्वा ने अपने वक्तव्य में कहा छत्तीसगढ़ आर्य और द्रविड़ संस्कृति का संगम है। अनादि काल से अपनी संस्कृति को संरक्षित किये हुए है। डॉ गौतमी भतपहरी ने मेंटलहेल्थ पर्सपेक्टिवस छत्तीसगढ़ @47 पर कहा कि छत्तीसगढ़ में मेन्टल हेल्थ के लिए जिले स्तर पर कमिटी तैयार कर किये जा रहे हैं। WHO के अनुसार 1 लाख लोगों पर 1 हजार मेंटलहेल्थ काउन्सलर होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में मेंटलहेल्थ की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। डॉ. कीर्ति श्रीवास ने कहा छत्तीसगढ़ पावर स्टील और सोलर ऊर्जा में अग्रणी है। महिला रोजगार और स्व उद्दमिता के लिए किए जाने वाले राज्य के प्रयासों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के खेल विभाग के क्रीड़ाधिकारी डॉ. कर्मिष्ट शंभरकर के संयोजन में प्रतिभावान छात्राओं के लिए प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों का सम्मान किया गया।

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