
नई दिल्ली। UIDAI ने 7-15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आधार बायोमेट्रिक अपडेट के शुल्क माफ कर दिए हैं। इस कदम से लगभग 6 करोड़ बच्चों को फायदा होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक यह राहत एक वर्ष तक लागू रहेगी। मंत्रालय ने बताया कि आधार में निःशुल्क बायोमेट्रिक अपडेट से बच्चों की शिक्षा, छात्रवृत्ति और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं तक पहुंच आसान होगी।
6 करोड़ बच्चों को फायदा
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू-1) के सभी शुल्क माफ कर दिए हैं। इस कदम से करीब 6 करोड़ बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है। उक्त आयु वर्ग के लिए एमबीयू शुल्क में छूट 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो चुकी है और यह सुविधा एक वर्ष की अवधि के लिए रहेगी।
किस उम्र में होता है बायोमेट्रिक
पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे का आधार के लिए नामांकन उसकी तस्वीर, नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और जन्म प्रमाण पत्र देकर किया जाता है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के आधार नामांकन के लिए उनके उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते, क्योंकि वे उस आयु तक मैच्योर नहीं होते। इसलिए, मौजूदा नियमों के अनुसार, बच्चे के 5 वर्ष की आयु पूरी करने पर उसके आधार में उंगलियों के निशान, आंखों की पुतलियों और तस्वीर को अनिवार्य रूप से अपडेट करना जरूरी है। इसे पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) कहा जाता है।
इसी तरह, 15 वर्ष की आयु होने पर बच्चे को एक बार फिर बायोमेट्रिक्स अपडेट कराना जरूरी होता है, जिसे दूसरा एमबीयू कहा जाता है। इस प्रकार, पहला और दूसरा एमबीयू, यदि क्रमशः 5-7 वर्ष और 15-17 वर्ष की आयु के बीच कराया जाता है, तो यह निःशुल्क होता है। इसके बाद, प्रति एमबीयू 125 रुपये का निर्धारित शुल्क लिया जाता है। इस फैसले से अब 5-17 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए एमबीयू प्रभावी रूप से निःशुल्क है।