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Cash Amount in house: घर में कितना कैश रखना कानूनी, जान लें इनकम टैक्स का नियम

आज के दौर में भले ही हर चीज़ डिजिटल हो रही हो – खरीदारी से लेकर बिल पेमेंट तक और ट्रांसफर से लेकर टैक्स भरने तक हर काम स्मार्टफोन की एक क्लिक से हो रहा है – लेकिन भारतीय समाज में नकद लेन-देन का चलन अब भी बरकरार है। कई लोग आज भी बैंकिंग से ज़्यादा भरोसा घर में रखे कैश पर करते हैं। पर क्या ये ठीक है? अक्सर जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड या छापेमारी की खबरें आती हैं, तो एक आम नागरिक के मन में ये सवाल उठता है- घर में कितना कैश रखना कानूनन सही है? क्या कोई सीमा तय है? और अगर ज़्यादा कैश हो तो क्या ये जुर्म माना जाएगा? आइए जानते हैं इसका पूरा सच।

क्या घर में कैश रखने की कोई सीमा है?
सबसे पहले स्पष्ट कर दें कि भारत में घर में नकदी रखने की कोई सीधी कानूनी सीमा तय नहीं है। चाहे आप ₹10,000 रखें या ₹10 लाख – अगर वह पैसा आपकी कानूनी और घोषित आय से जुड़ा हुआ है, तो किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी। इनकम टैक्स विभाग की नज़र केवल इस बात पर होती है कि आप उस रकम का स्रोत साबित कर सकते हैं या नहीं। अगर आप दिखा सकते हैं कि यह पैसा आपकी नौकरी, व्यवसाय, प्रॉपर्टी बिक्री, गिफ्ट, या किसी अन्य वैध ट्रांजैक्शन से आया है, तो आप चाहे जितनी नकदी घर में रखें – कोई रोक नहीं।

असली मुसीबत कहां होती है?
अगर इनकम टैक्स विभाग छापेमारी करता है और आपके पास बड़ी मात्रा में नकदी मिलती है, लेकिन आप उसका स्रोत नहीं बता पाते—तो यह मामला अघोषित आय (Unaccounted Money) में बदल सकता है। ऐसे मामलों में विभाग आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, जुर्माना लगा सकता है या टैक्स रिकवरी शुरू कर सकता है। यानी बात कैश रखने की नहीं, बल्कि उसके “सोर्स” की होती है।

किन दस्तावेजों से साबित कर सकते हैं कैश का स्रोत?
अगर आप अपने पास रखी नकदी का हिसाब देना चाहते हैं, तो आपके पास ये डॉक्यूमेंट होना जरूरी है:
वेतन स्लिप या बैंक स्टेटमेंट
बिजनेस इनकम से संबंधित बिल या रसीदें
प्रॉपर्टी डील के पेपर
गिफ्ट डीड (अगर गिफ्ट के तौर पर पैसा मिला हो)
टैक्स रिटर्न में घोषित आय के साक्ष्य

टैक्स नियमों का उल्लंघन = सख्त कार्रवाई
अगर विभाग को शक होता है कि पैसा ब्लैक मनी है, तो 70% से 137% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, अगर मनी लॉन्ड्रिंग का शक होता है, तो मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत भी दर्ज हो सकता है।

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