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झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत, पुलिस ने दर्ज की FIR

झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत, गरियाबंद पुलिस ने दर्ज की FIR

गरियाबंद।
जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पेंड्रा में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक का नाम पुरुषोत्तम ध्रुव (45 वर्ष) बताया जा रहा है, जिसे लंबे समय से पाइल्स की समस्या थी।

जानकारी के अनुसार, मृतक ने इलाज के लिए देवभोग ब्लॉक के अमलीपदर निवासी संजू राजपूत और ओडिशा बॉर्डर के कोमना गांव निवासी बबलू टांडी नामक दो झोलाछाप डॉक्टरों से संपर्क किया था। बताया जा रहा है कि दोनों ने बाकायदा 30 हजार रुपये में इलाज का ठेका लिया था। दो बार आकर उन्होंने इलाज किया और हर बार 10-10 हजार रुपये वसूले।

शनिवार को जब दोनों तीसरी बार इलाज के लिए पहुंचे तो इलाज के बाद पुरुषोत्तम की हालत बिगड़ने लगी। परिजनों का कहना है कि इस पर झोलाछाप डॉक्टरों ने परिवार को यह कहकर टाल दिया कि “दवा असर कर रही है, मरीज को सोने दो।” इतना कहकर दोनों पैसे लिए बिना ही मौके से निकल गए।

कुछ देर बाद मृतक की बेटी लालिमा जब कमरे में पहुंची तो उसने देखा कि पिता तड़प रहे हैं। घर में हड़कंप मच गया। बेटा डॉक्टरों के पीछे भागा लेकिन वे फरार हो चुके थे। परिजनों ने तत्काल पुरुषोत्तम को गरियाबंद जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इलाज के दौरान हुए जख्म ही मौत का कारण पाए गए।
जिला अस्पताल के डॉक्टर हरीश चौहान ने बताया कि जांच में स्पष्ट हुआ है कि इलाज के दौरान हुए गंभीर जख्म ही मौत का मुख्य कारण हैं।

इस घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो किसी और की जिंदगी भी ऐसे ही खतरे में पड़ सकती है।

पुलिस कार्रवाई
एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने बताया कि मामले में मर्ग कायम कर लिया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अब दोनों झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आरोपियों पर बीएनएस की धारा 105 और 3(5) के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

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