आप की खबरBlogUncategorizedआरंगगरियाबंदछत्तीसगढ़देश-विदेशबड़ी खबरमहासमुंद

रात दो बजे से शाम-रात तक लाफिन कला नदी से सैकड़ों ट्रेक्टर रेत का अवैध परिवहन… विभाग मौन ..ग्रामीण परेशान… हो रही है मोटी कमाई…..

रात दो बजे से शाम-रात तक लाफिन कला नदी से सैकड़ों ट्रेक्टर रेत का अवैध परिवहन… विभाग मौन ..ग्रामीण परेशान… हो रही है मोटी कमाई…..

महासमुंद – रेत माफियो के द्वारा बारिश के समय के लिय रेत का भंडारण खाली जमीनों पर बिना परमिशन लिए कर रहें है जिससे नदी में पानी आने के बाद मोटी कमाई कर सके। वही जिले मे खनिज व राजस्व के सुस्त रवैये के कारण रेत माफियाओ के हौसले इतना बुंलद है कि प्रशासन का कोई आदेश उनके लिए मायने नही रखता है । यही कारण है कि प्रशासन के सख्त आदेश के बाद भी अवैध रेत उत्खनन धडल्ले से जारी है और प्रशासन शिकायत का इंतजार कर रही है ।

अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन से अब तो ग्रामीण भी परेशान है । ग्रामीणो का मानना है कि प्रशासन जल्द कोई कार्यवाही नही करता है ,तो कभी भी कोई बडा हादसा हो सकता है । दरअसल महासमुंद मुख्यालय से महज 10 किमी की दूरी पर बसा है गांव लाफिनकला । लाफिन कला महासमुंद जिले का आखरी गांव है लाफिन कला के दूसरे छोर पर है गरियाबंद जिले का गांव लचकेरा । इन दोनो गांव के बीच से बहती है सूखा नदी । वर्तमान मे सूखा नदी मे कोई रेत घाट स्वीकृत नही है ।

उसके बावजूद रेत माफिया रात्रि 2 बजे से शाम 5 बजे तक धडल्ले से सूखा नदी का सीना चीर कर अवैध रेत का उत्खनन कर ट्रैक्टर से परिवहन कर रहे है । एक दिन मे लगभग 80 ट्रैक्टर रेत अवैध उत्खनन कर तेजी से परसकोल , हाउसिंग बोर्ड के रास्ते ले जा रहे है ।रोड सकरा होने के कारण सड़क पर चलने वालो को इन अवैध रेत से भरी ट्रैक्टरो से काफी डर लगा रहता है कि कभी कोई बडा हादसा न हो जाये । सड़क पर बच्चे भी खेलते रहते है । ऐसा नही है कि अधिकारियों को ये नही पता है । क्योंकि इसी रोड पर हाउसिंग बोर्ड मे जिले के तमाम आला अधिकारी भी निवासरत है ।‌

कलेक्टर बंगला , एसपी बंगला भी है उसके बावजूद भी रेत माफिया धडल्ले से रेत का परिवहन कर ले जा रहे है । लाफिन कला के सरपंच को भी पता है कि अवैध रेत उत्खनन हो रहा है और शासन को लाखो रुपयो का चुना लग रहा है । ट्रैक्टर चालको ने बताया कि कोई पटेल नामक व्यक्ति प्रत्येक ट्रैक्टर ट्राली वालो से मंदिर के नाम पर प्रति ट्रीप (चक्कर) 150 रुपये लेता है । अवैध रेत उत्खनन को लेकर महासमुंद एसडीएम ने आठ गांव के सरपंचो व सचिवो को आदेश जारी किये थे कि जिस गांव मे अवैध रेत उत्खनन होता पाया गया तो उसकी जिम्मेदारी वहा के सरपंच व सचिव की होगी । उसके बावजूद भी उन आठ गांवो को छोड़कर कुछ और ग्रामो मे अवैध रेत उत्खनन जारी है । परसकोल के ग्रामीणो का कहना है कि ट्रैक्टर वाले रात्रि दो बजे से शाम पांच बजे तक अवैध रेत लेकर तेजी से जाते है और गांव रोड से सटे होने के कारण बच्चे रोड पर खेलते रहते है जिससे आये दिन कोई बडी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है

वही महासमुंद एसडीएम का कहना है कि अवैध रेत उत्खनन व परिवहन की बात आप से संज्ञान मे आयी है । इस पर जांच कराकर उचित कार्यवाही की जायेगी । गौरतलब है कि शासन ने बरसात को देखते हुवे 15 जून से रेत उत्खनन व परिवहन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है । उसके बाद भी रेत का उत्खनन व परिवहन जारी रहना कई सवालो को जन्म देता है ।

Related Articles

Back to top button