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राजिम कुंभ के सांस्कृतिक मंच से छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की खुशबू दूर-दूर तक बिखर रही

राजिम कुंभ के सांस्कृतिक मंच से छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की खुशबू दूर-दूर तक बिखर रही

प्रतिदिन हो रही स्थानीय कलाकारों की शानदार प्रस्तुति

राजिम। राजिम कुंभ कल्प मेला में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता देने के लिए कुलेश्वर मंदिर के समीप विशाल सांस्कृतिक मंच बनाया गया है, जिसमें 24 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक रामायण, पंड़वानी, फाग गीत, राउत नाचा, पंथी के साथ साथ छत्तीसगढ़ के विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा इस मंच से दिया जा रहा है।

कार्यक्रम देखने बड़ी संख्या में दर्शक सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेते पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला के 11वें दिन पोंड़ के विजय वर्मा और उनके टीम द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। जिसमें फूल झरें हांसी मोती बोले बोली बैना तोर…. गीत पर नृत्य प्रस्तुति ने जबरदस्त माहौल बना दिया। राजिम से पहुंची गीता गोस्वामी ने भजन संध्या प्रस्तुति दी।

जिसमें मेरे राम आएंगे ऐसे अनेक गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों के मन को जीत लिया और दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। घुटकू नवापारा के द्रौपती नेताम ने मंच पर रामायण की प्रस्तुति दी, जिसमें केंवट के द्वारा राम भगवान सहित माता सीता और लक्ष्मण को नदी के उस पार ले जाने कथा बताई गई। परसवानी के भुनेश्वरी ठाकुर ने सुगम संगीत के माध्यम से दर्शको को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हुए। सिंधौरी के हेमंत यादव ने परंपारिक वेशभूषा में और अपने हाथ में विभिन्न तरीको से सजाए गए ड़ंड़े लेकर आएं और दोहे कह कर नाचने लगे। तौरेंगा के दौलत यादव और बुधारू ने नाचा पार्टी के माध्यम से विभिन्न संदेशो को दर्शकों तक पहुंचाया। सीता वर्मा ने इस मंच पर मानस भजन की प्रस्तुति दी।

✍️ तुकाराम कंसारी राजिम

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