
रायपुर। महासमुंद में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर पुलिस ने 28 नवंबर को छह किसानों पर एफआईआर दर्ज की है। मामला तुमगांव इलाके का है, जहां करणी कृपा कंपनी के पास छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की जा रही थी। कंपनी के एक कर्मचारी ने इसकी शिकायत तुमगांव थाने में दर्ज कराई और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए छह किसानों को गिरफ्तार किया। वहीं, एक दिसंबर को किसान नेता अशोक कश्यप को छोड़कर सभी किसानों को जमानत मिल गई।
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष राज्य आंदोलनकारी अनिल दुबे ने मामले का विरोध करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती में ही छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान करने की सुपारी ली गई है। केवल 60 फीट जमीन में स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को एसडीओपी, तहसीलदार और करणी कृपा कंपनी के सैकड़ों गार्ड के दबाव में हटाया गया।
उन्होंने कहा कि एफआईआर में सराईपाली जाने वाले रास्ते यानी नेशनल हाईवे 53 पर छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं है। जिस जगह पर प्रतिमा को स्थापित किया जा रहा था, वह करणी कृपा कंपनी का अवैध रास्ता है। कंपनी ने पैसे देकर पुलिस और जिला प्रशासन से यह फर्जी एफआईआर दर्ज करवाई है। कंपनी के दबाव में किसानों को पुलिस थाना ले जाया गया और महिलाओं को वापस लाकर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि कंपनी का नक्शा भी पास नहीं है और अवैध रूप से इसका संचालन किया जा रहा है।




