वायरल फीवर या बुखार होने पर बदन दर्द के साथ थकान, जोड़ों में दर्द, सर्दी लगना, सिर दर्द और आंखों में जलन जैसी समस्याएं होने लगती है.
मौसम मे हो रहे बदलाव के साथ खान-पान और लाइफस्टाइल में भी बदलाव आता है, जिसकी वजह से बीमारीयों और संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ने लगता है.देखा जाए तो ज्यादातर लोग खराब दिनचर्या और अनहेल्दी चीजों का सेवन करने से कई गंभीर बीमारीयों की चपेट में आ रहे हैं. मौसमी फ्लू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जो हर उम्र के लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं. ऐसे में वायरल फिवर के मरीजों की संख्या भी काफी देखने को मिल रही है.निजी होस्पिटलों के साथ ही सरकारी होस्पिटलों मे इलाज के लिय लोग पहुच रहे॰
वायरल फीवर एक ऐसी स्थिति है, जो शरीर में वायरल इन्फेक्शन के कारण होती है. यह समस्या मौसम परिवर्तन की वजह से होती है, जो बुखार, थकान और अन्य लक्षणों का कारण बनती है. वायरल फीवर सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन यह समस्या बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा आम है. ऐसे में इसका समय रहते इलाज न कराने से यह कई बीमारीयों के होने की संभावना बढ़ा देता है. आइये जानते हैं कि वायरल फीवर होने के क्या कारण हो सकते हैं.
वायरल फीवर के कारण
- सर्दी और फ्लू वायरस श्वसन तंत्र को संक्रमित करते हैं, जिससे सर्दी, जुखाम और सांस लेने में दिक्कत होती है.
- रोटावायरस पेट और आंतों को संक्रमित करता है, जिससे दस्त और उल्टी होने की संभावना बढ़ जाती है.
- एडेनोवायरस श्वसन तंत्र, आंखों और आंतों को संक्रमित करता है.
वायरल फीवर के लक्षण
- बुखार वायरल फीवर का सबसे आम लक्षण है, जो 100.4 डिग्री फारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) या उससे ज्यादा हो सकता है.
- वायरल फीवर से थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है.
- मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव महसूस होना भी वायरल फीवर का कारण बन सकता है.
- लगातार सिरदर्द होना भी फीवर होने का संकेत दे सकता है.
- गले में खराश, खांसी, भूख न लगना और जी मिचलाने जैसी स्थिति होने पर यह समस्या बढ़ सकती है.
- इसके अलावा वायरल इन्फेक्शन पेट दर्द और दस्त का कारण बन सकता है.
इलाज
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और आराम करने से कमजोरी महसूस नहीं होती है.
- तरल पदार्थों का सेवन करने से शरीर की थकान दूर होती है. इसके लिए हेल्दी जूस या सूप पीना फायदेमंद साबित होता है.
- साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना वायरल इन्फेक्शन को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है.
- बुखार और दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें.
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी को प्रदान करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें