छत्तीसगढ़

High Court : बिलासपुर हाईकोर्ट के 3 वकील बनाए गए ‘सीनियर एडवोकेट’

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के तीन वरिष्ठ और प्रतिष्ठित अधिवक्ताओं को “सीनियर एडवोकेट” की उपाधि से अलंकृत किया है। यह नामांकन एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा 16 तथा 2018 के प्रावधानों के तहत किया गया है।

 इन अधिवक्ताओं को बनाया गया सीनियर एडवोकेट –

  1. अशोक कुमार वर्मा
  2. मनोज विश्वनाथ परांजपे
  3. सुनील ओटवानी

आपको बता दें कि इस निर्णय को उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने 7 अगस्त 2025 को पारित किया। इन अधिवक्ताओं को उनकी दीर्घकालिक विधिक सेवा, न्यायिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान, उच्चतम स्तर की पेशेवर नैतिकता और विधि के प्रति समर्पण को ध्यान में रखते हुए सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया है। यह चयन प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप की गई, जो वर्ष 2017 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिट याचिका (सिविल) संख्या 454/2015 – इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में पारित आदेश के माध्यम से निर्धारित किए गए थे।

सीनियर एडवोकेट्स के अधिकार 

सीनियर एडवोकेट न्यायिक प्रक्रिया में उनकी भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाता है। सीनियर एडवोकेट्स को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं, जैसे कि कोर्ट में विशेष पहनावा, और जूनियर वकीलों की सहायता से प्रस्तुतिकरण करने का अधिकार। इस संबंध में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर ने विधिवत अधिसूचना जारी की है।

अधिसूचना जारी

Related Articles

Back to top button