
सुकमा। नक्सल प्रभावित ग्राम वंजलवाही में जिला सुकमा पुलिस एवं सुरक्षा बलों द्वारा नवीन सुरक्षा कैंप की स्थापना की गई है। यह स्थापना छत्तीसगढ़ शासन की “नियद नेल्ला नार” (नई दिशा – नया रास्ता) योजना के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा, विकास और जनकल्याण को सुदृढ़ बनाना है।
इस कैंप की स्थापना से कोंटा–गोलापल्ली–किस्ताराम मार्ग अब सीधे जुड़ गया है, जिससे यात्रा दूरी लगभग आधी हो जाएगी। भारी बारिश और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने सभी चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए माओवादियों के कोर ज़ोन क्षेत्र में लगातार दो स्थानों पर एक साथ कैंप स्थापित करने में सफलता प्राप्त की।
सुरक्षा कैंप की स्थापना से क्षेत्र में सुरक्षा वातावरण सुदृढ़ होगा, साथ ही ग्रामीणों को शासन की विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त होगा। यह कदम माओवादियों के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण रणनीतिक उपलब्धि है जो क्षेत्र के नागरिकों के जीवन में शांति, सुरक्षा और विकास की नई दिशा प्रदान करेगा।
वर्ष 2024 से अब तक जिला सुकमा में कुल 20 नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना की जा चुकी है। इसके परिणामस्वरूप नक्सल उन्मूलन अभियान में उल्लेखनीय प्रगति हुई है— अब तक 518 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, 64 माओवादी मारे गए, तथा 451 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।
इस सफलता का श्रेय बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी., दंतेवाड़ा रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स) रोहित शाह तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण को जाता है।
कैंप की स्थापना से अब क्षेत्र के ग्रामीणों को सड़क, पुल-पुलिया, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा, पीडीएस व्यवस्था एवं मोबाइल कनेक्टिविटी जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ प्राप्त होगा। स्थानीय नागरिकों में इस पहल को लेकर अत्यंत उत्साह है।
“नियद नेल्ला नार” योजना अंतर्गत अब तक स्थापित 20 सुरक्षा कैंप:
टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, पुलनपाड़, लखापाल, तुमालपाड़, रायगुड़ेम, गोलाकोण्डा, गोमगुड़ा, मेटागुड़ेम, उसकावाया, नुलकातोंग, तुमालभट्टी, वीरागंगलेर, मैता, पालागुड़ा, गुंडा, राजगुंडेम, नागाराम एवं वंजलवाही।