नेत्रदान महादान – खल्लारी विद्यालय में 40वां नेत्रदान पखवाड़ा संपन्न

कलेक्टर महासमुंद के आदेशानुसार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई. नागेश्वर राव के निर्देशानुसार, NPCB नोडल अधिकारी डॉ. अनिल गोरियार तथा खंड चिकित्सा अधिकारी बागबाहरा डॉ. बढ़ई के मार्गदर्शन में दिनांक 04 सितम्बर 2025 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खल्लारी में 40वां नेत्रदान पखवाड़ा आयोजित किया गया।
इस अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खमहरिया से नेत्र सहायक अधिकारी भूपेन्द्र सोनकर ने नेत्रदान के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि नेत्रदान क्यों आवश्यक है और इसके माध्यम से कितने लोगों को नई रोशनी मिल सकती है। साथ ही, नेत्रदान से पहले और बाद में बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डाला—
- नेत्रदान मृत्यु उपरांत किया जाता है।
- यह प्रक्रिया मृत्यु के 6 घंटे के भीतर पूरी होनी चाहिए।
- मृतक के परिवार की सहमति आवश्यक है।
- घोषणा पत्र भरे बिना भी परिवार की सहमति से नेत्रदान संभव है।
- प्रत्यारोपण के बाद हितग्राही की पहचान गोपनीय रखी जाती है।
- 6 वर्ष से ऊपर की आयु में कभी भी नेत्रदान किया जा सकता है।
- नेत्रदान किसी भी धर्म, जाति, लिंग या समुदाय का व्यक्ति कर सकता है।
- नेत्रदान से प्राप्त कॉर्निया की खरीद-फरोख्त नहीं की जाती।
- सर्पदंश, फांसी, HIV, ज़हर या डूबने से मृत्यु होने पर नेत्रदान नहीं किया जा सकता।
आगे, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोमाखान से नेत्र सहायक अधिकारी श्रीमती आरती साहू ने बताया कि भारत में लगभग 40–45 हज़ार कॉर्नियल ब्लाइंडनेस (पुतली में सफ़ेदी) के मरीज हैं। अकेले छत्तीसगढ़ में इनकी संख्या 15–20 हज़ार तक है। प्रतिवर्ष 6–7 हज़ार कॉर्निया नेत्रदान से प्राप्त होते हैं, जो आवश्यकता की तुलना में बेहद कम है। इसलिए अधिक से अधिक लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करने का संदेश दिया गया।
इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेंदुकोना से नेत्र सहायक अधिकारी श्री बृज मोहन पैकरा ने विटामिन-ए एवं कुपोषण की कमी से होने वाली कॉर्नियल ब्लाइंडनेस तथा उसके रोकथाम के उपायों की जानकारी दी।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में विद्यालय की प्राचार्या सुश्री सविता चंद्राकर ने “नेत्रदान महादान है” का नारा देते हुए सभी विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस संदेश को अपने घर-घर तक पहुंचाएं।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार एवं समस्त स्टाफ का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।