वन चेतना केंद्र कोडार : प्रवेश शुल्क 20 रुपए, सुविधाएँ नदारद

महासमुंद।
महासमुंद वन विभाग द्वारा संचालित वन चेतना केंद्र, कोडार अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। लगभग चार वर्ष पूर्व लाखों रुपए खर्च कर इसे विकसित किया गया था, ताकि यह जिला का प्रमुख पर्यटन स्थल बने। लेकिन आज यह केंद्र रखरखाव और अव्यवस्था के चलते उपेक्षा का शिकार हो चुका है।

पर्यटकों से प्रति व्यक्ति 20 रुपए प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन इसके बदले उन्हें अंदर कोई विशेष सुविधा नहीं मिलती। कैंटीन पिछले तीन माह से बंद पड़ी है, जिससे खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। नतीजतन, पर्यटक केवल गार्डन में टहलकर वापस लौट जाते हैं।

वन चेतना केंद्र समिति के अध्यक्ष द्वारिका ध्रुव ने बताया कि यहाँ करीब 13 लोग कार्यरत हैं और उनकी मजदूरी-भत्ता सिर्फ़ प्रवेश शुल्क और बोटिंग से होने वाली आय से ही दिया जाता है। रखरखाव और विकास के लिए कोई अलग से बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है।

सबसे चिंताजनक स्थिति बोटिंग संचालन को लेकर है। यहाँ केवल लाइफ जैकेट के सहारे बोटिंग कराई जा रही है। तेज हवा चलने के बावजूद नाव संचालन जारी रहता है। और हैरानी की बात यह है कि बिना किसी तैराकी प्रशिक्षण के ही गाँव के युवाओं को बोटिंग की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों का कहना है कि यदि समय रहते रखरखाव और सुविधाओं का विस्तार किया जाए, तो यह केंद्र महासमुंद जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है। अन्यथा लाखों की लागत से तैयार यह प्रोजेक्ट धीरे-धीरे सिमटकर खत्म हो जाएगा।


