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मां काली सुंदरी दरबार में 4371 लोहे के खिले ऊपर सो कर नवरात्र व्रत कर ज्योति कलश जला रही है भक्त….

मां काली सुंदरी दरबार में 4371 लोहे के खिले ऊपर सो कर नवरात्र व्रत कर ज्योति कलश जला रही है भक्त….

खल्लारी/ आदिशक्ति के नौ दिन तक चलने वाले पर्व नवरात्र पर माँ की भक्ति के कई बार ऐसे नजारे भी दिखाई पड़ते हैं जिसमें भक्तों की अटूट श्रद्धा शोभित होती है। ऐसा ही माँ की भक्ति की अटूट श्रद्धा का उदाहरण दैवीय माता तीर्थ स्थल खल्लारी के वार्ड क्रमांक 03 में शारदीय (क्वांर) के मौके पर माॅ काली सुंदरी माता के दरबार में दैवीय माता के पुजारिन दाई महिला भक्त ने अटूट श्रद्धा, भक्ति के साथ नवरात्र पर्व पर सरई लकड़ी से बने नये खाट में पीठ के बल लोहे की खिलों के सहारे लेटकर पेट में जलते हुए मनोकामना के मुख्य ज्योति कलश को रख नौ दिनों तक दीप प्रज्वलित किया है। वहीं वह खिलों के सय्या में नौ दिनों तक सोके ज्योत प्रज्वलित करने के पहले लोहे के ही खिलों से बने झूलना में लगातार करीब 15 मिनटों तक झुलना झुली है। उसके उपरांत नवरात्र पर्व की विधिवत पुजा अर्चना कर उन्होंने लोहे के खिलो पर लेटकर पेट के ऊपर ज्योत कलश प्रज्वलित के इस कठोर साधना में लीन हो गई। साथ ही इस दौरान वह नौ दिनों तक बिना कुछ खाये पीये निर्जला व्रत (उपवास) भी कर रही है।


बता दे की आमतौर पर पेट पर जलते मनोकामना ज्योति कलश रखने वाला भक्ति का स्वरूप कई जगह देखने और सुनने मिलता है। लेकिन लोहे की खिलें को अपने सय्या बना कर उस पर लेटकर पेट में ज्योति कलश रखकर भक्ति का ऐसा स्वरूप बहुत ही कम कभी कभार ही देखने मिलता है। नवरात्र में इस कठोर साधना को लेकर इस संबंध में भक्तिन दाई शिला यदु के पति मिलन यदु ने बताया कि जिस लकडी के पलंग में वह जो साधना कर रही है। उसमें 4371 लोहे की खीले लगे हैं। जिस पलंग को नवा रायपुर निमोरा के एक बढाई ने करीब नव दिनों में पुरा किया है। पलंग निर्माण के दौरान वह बढाई उपवास (व्रत) भी रखता था। वहीं ज्योति कलश प्रज्वलित के पहले जिस झुलना में झुली थी, उसमें भी 631लोहे की किले लगे हैं। नवरात्र पर्व पर इन दिनों इनके माॅ काली सुंदरी माता के दरबार में कुल 31 मनोकामना ज्योति कलश भी प्रज्वलित है।


शारदीय (क्वांर) नवरात्र पर्व पर माॅ काली सुंदरी माता के दरबार में दैवीय माता के महिला भक्त शिला यदु (45 वर्षीय) ने माता के भक्ति में नवरात्र पर्व पर सरई लकड़ी के नये खाट में पीठ के बल लोहे के नुकिले खिल में लेटकर अपने पेट में नव दिनों के लिए ज्योति कलश प्रज्वलित किया है। जो कि इस नवरात्र में यह अटुट श्रद्धा भक्ति का यह साधना स्थानीय संहित पुरे क्षेत्र में चर्चा में है। वहीं दर्शन पुजन करने लोगों की भीड़ लग रही है। इससे पहले वह दैवीय माता के पुजारिन दाई महिला अपने माता के दरबार में पिछले वर्ष भी पेट में ज्योति कलश रख कर नौ दिनों तक सफल साधना किया था। किन्तु उन दिनों वह पिछले नवरात्र पर्व में जमीन में सोकर ज्योत कलश प्रज्वलित कर रखा था। इसके साथ ही इन दिनों प्रत्येक दिवस माता जस सेवा का भी यहां आयोजन हो रहे हैं। खल्लारी स्थित माॅ काली सुंदरी माता के दरबार में इस बार भी लगातार खल्लारी संहित ओंकारबंद, हाडाबंद, मोहंदी आदि गांवों के माता जस सेवा गान का आयोजन भी मादर के धुन के साथ हो रही है। नवरात्र पर्व के अलाव खल्लारी स्थित माॅ काली सुंदरी माता के इस दरबार में पुरे वर्ष भर पुजा अर्चना होते रहते हैं। वहीं प्रत्येक महिने के मंगलवार और गुरूवार को इनके यहां विशेष पुजा अर्चना के साथ दरबार भी लगते हैं। जो कि उक्त दरबार इनके यहां सन् 2012 से अब तक लग रहे हैं। जहां दर्शन पुजन करने स्थानीय संहित क्षेत्र के लोग दूर – दूर से आते हैं।

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