
mass marriage ceremony : सामूहिक विवाह में अक्सर निर्धन और मध्यम वर्ग के युवक-युवतियों का विवाह ही संपन्न होता रहा है। लेकिन, देशभर में एक उदाहरण पेश करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने बेटे अभिमन्यु की शादी सामूहिक विवाह में रचाई। महाकाल की नगरी उज्जैन में हुए सामूहिक विवाह समारोह में अनेक साधु, संत और प्रसिद्ध कथावाचक शामिल हुए और सभी जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री के पुत्र अभिमन्यु और बहू इशिता सांवराखेडी का विवाह उन युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गया है, जो युवा विवाह में लाखों-करोड़ो रुपये फिजूलखर्च करते हैं।
22 दूल्हों की निकली बरात
सामूहिक विवाह में 22 दूल्हों की बरात एक साथ निकली। घोड़ी बग्घियों पर सवार निकली बरात आकर्षण का केंद्र रही। सभी जोड़ें एक साथ विवाह मंडप में बैठे। खास बात यह रही कि मेहमानों से उपहार नहीं लाने की अपील की गई।
बाबा महाकाल से प्रार्थना
मुख्यमंत्री के पुत्र अभिमन्यु और बहू इशिता ने कहा कि सामूहिक विवाह के आयोजन में विवाह बंधन में बंधने से बहुत खुशी हो रहही है। उन्होंने बाबा महाकाल से सुखमय जीवन की प्रार्थना की।
एक-एक लाख रुपये उपहार
सामूहिक विवाह में सभी जोड़ों को आशीर्वाद देने योग गुरु बाबा रामदेव पहुंचे। बाबा ने पतंजलि पीठ की ओर से जोड़ों को एक-एक लाख रुपये उपहार दिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज एवं जूना अखाड़ा के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरिगिर महाराज ने भी जोड़ों को एक-एक लाख रुपये उपहार में दिया।
आयोजन में बागेश्वर धाम के कथाचार्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सहित अनेक संतगण पहुंचे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, सांसद अनिल फिरोजिया सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सनातन की परंपरा के अनुसार विवाह हुआ। सामूहिक विवाह समारोह में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के वर-वधू भी शामिल हुए।




