सरकारी घास जमीन पर कब्जे की नीयत से काटे पेड़…. शिकायत पर नायब तहसीलदार ने मौके पर जांच कर की कार्रवाई
महासमुंद/ जिले में पेड़ की अवैध कटाई रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं लगातार शिकायत प्रशासन तक पहुंच रहे हैं, फिर भी पेड़ काटने वाले पर प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, कुछ दिन पहले ही 70 से 80 पेड़ों की रातों-रात कटाई परसवानी में सरपंच द्वारा कर दिया था जिसकी शिकायत लगातार ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है।
वही बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम मामाभांचा में भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की नीयत से पेड़ की कटाई का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार ग्राम के खेम प्रसाद पटेल के द्वारा अपनी लगानी जमीन से लगे हुए घास जमीन पर कब्जे की नीयत से राजस्व की जमीन पर लगे 30 से 40 पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर दिया। इसकी सूचना जब ग्रामीणों को लगी तो तत्काल पटवारी और तहसीलदार को सूचना दिया गया, जिस पर से नायब तहसीलदार के द्वारा मौके पर पहुंचकर पंचनामा तैयार कर पेड़ों की अवैध कटाई की लकड़ी को पंचायत के सुपुर्द किया गया।
आपको बता दे की मामाभांचा ग्राम पंचायत के सामने ग्रामीणों ने उक्त घास भूमि को बालवाड़ी बनाने के लिए आरक्षित किया गया था जिस पर से ग्रामीणों के द्वारा खेल मैदान बनाकर उसमें खेल से संबंधित सामान लगाने की योजना बनाई थी जिस पर बालवाड़ी के सामान की भी खरीदी कर लिया गया है और लगाने की सोच रहे थे कि अचानक से सरकारी जमीन की पेड़ों की अंधाधुंध कटाई शुरू हो गई और घास जमीन को कब्जा किया जा रहा है
जानकारी के अनुसार राजस्व जमीन पर सेन्हा, बेहडा, कसही, सेमरा जैसे 30 से 40 पेड़ की कटाई कर दिया है। वही मामले पर नयाब तहसीलदार ने बताए कि मौके पर जाकर जांच किया गया है और ग्रामीणों की शिकायत सही पाया गया है। पंचनामा तैयार कर ग्राम पंचायत के कोटवार और उप सरपंच को सुपुर्द किया गया है।
प्रायः देखा जा रहा है कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों पर लगातार पेड़ों की कटाई किया जा रहा है और ना ही ग्राम पंचायत स्तर पर या राजस्व स्तर पर लकड़ी काटने वाले परमिशन ले रहे हैं, जिसके कारण पेड़ काटने वाले ठेकेदार के भी हौसले बुलंद है। बाहर से आकर ठेकेदारों के द्वारा भोले भाले किसानों को पेड़ कटवाने के लिए कहते हैं और अंधाधुंध पेड़ की कटाई कर रातों-रात ट्रैक्टर या पिकअप में डालकर परिवहन कर लेते हैं। बड़ा सवाल यहां भी उठता है की लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है और परिवहन हो रहे हैं लेकिन वन विभाग की टीम अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।