रेलवे फाटक में फंसा वाहन, घण्टों मशक्कत के बाद ग्रामीणों के सहयोग से निकला
खल्लारी/ राष्ट्रीय राज क्रमांक 353 आंवराडबरी सड़क मार्ग से होकर बस्ती भीमखोज, जोरातराई, रैताल के लिए एकल सड़क मार्ग है। जहां इन गांवों जाने के लिये आंवराडबरी के पास डबल लाईन रेल्वे फाटक है। जिस रेल्वे फाटक पर विगत दिनों रात्रि लगभग 10 बजे चार पहिया वाहन पिकअप फाटक पार करते हुये, फंस गया था। बड़ी मशक्कत के बाद फाटक में फंसे चार पहिया वाहन पिकअप को स्थानीय लोगों के सहयोग से निकाला गया। फाटक पर पिकअप फसने के बाद भले निकाल लिये गया। लेकिन इस घटना ने क्षेत्र के लोगों की चिंता बढा दी है।
ज्ञात हो कि फाटक के आस पास बरसात का पानी भर रहा था। जिस जगह से पानी के निकासी के लिए रेल्वे विभाग ने अंडर ग्रांउड पानी निकासी के लिए व्यवस्था बनाया है। जिसका काम सहीं नहीं होने से पीकअप जा फंसा, जो चिंता का विषय है। रेल्वे विभाग अपने सभी रेल्वे फाटको को बहुत मजबूती से बनाता है। किंतु इस फाटक में चार पहिया वाहन के फसने पर रेलवे विभाग के कार्यों के असल गुणवत्ता क्या है, वह उजागर हो गया। मिली जानकारी के अनुसार उड़ीसा की चार पहिया पिकअप मंगलवार - बुधवार की रात्रि रैताल के एक मुर्गी फार्म से लिपटिंग के बाद मुर्गी लोड कर निकला था। इस दौरान आंवराडबरी रेल्वे फाटक खुला था। तभी चालक अपने पिकअप को रेल्वे फाटक से पार कर था की अचानक वाहन का पिछले पहिया डबल लाईन रेल्वे ट्रेक के आगे फंस गया। कुछ लोगों ने बताया की फंसे वाहन के चक्के और रेलवे ट्रेक की दूरी मात्र डेढ़ फिट थी। इस बीच ड्राईवर ने सड़क मार्ग तक पैदल आकर फंसे पीकअप को तुरंत निकालने सहायता मांगी, किंतु मदद नहीं मिली, तब वह वापस पीकप के पास जा पहुंचा। तभी महासमुंद बागबाहरा से अपना काम निपटा के रात्रि में जोरातराई, रैताल के ओर जा रहे कुछ ग्रामीण लोगों ने रेल्वे कर्मचारी के सहयोग से पीकअप निकालने में सहायता की। बस्ती भीमखोज, जोरातराई, रैताल की मार्ग में लगातार भारी भरकम वाहनों का आना जाना रहता है। इसके बाद रेल्वे फाटक में गुणवत्ता नहीं देना रेल्वे विभाग की लपरवाही को दर्शाता है। इस घटना के बाद इस क्षेत्र के लोगों ने रेल्वे विभाग से मांग की है कि भविष्य में इस तरह से वाहन न फंसे इस लिए फाटक और फाटक के आस पास को मजबूत रास्ता बनाने की मांग की है।