
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले मामले में ईडी ने दो पूर्व IAS अधिकारियों- आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर लिया। विशेष अदालत ने दोनों को 28 दिनों की ईडी रिमांड पर भेजने की अनुमति दे दी है।
पूर्व मुख्य सचिव आलोक शुक्ला ने सोमवार सुबह रायपुर स्थित विशेष ईडी कोर्ट में सरेंडर किया। अदालत ने जैसे ही उनका आवेदन स्वीकार किया, ईडी की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं, अनिल टुटेजा पहले से न्यायिक हिरासत में थे। ईडी ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट के ज़रिए उन्हें भी पेश कराकर कानूनी गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की।
ईडी ने अदालत में यह तर्क दिया कि जब यह घोटाला सामने आया था, तब आलोक शुक्ला निगम के चेयरमैन और अनिल टुटेजा सचिव के पद पर कार्यरत थे। जांच एजेंसी के अनुसार, इनके कार्यकाल के दौरान ही करोड़ों के वित्तीय गड़बड़ी और कथित कमीशनखोरी की शिकायतें मिली थीं। ईडी का कहना है कि दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर गहन पूछताछ जरूरी है, जो छोटी अवधि की हिरासत में संभव नहीं है।
इससे पहले, दोनों अधिकारियों को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी थी। मगर, सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने इसे खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि पहले दो सप्ताह ईडी की हिरासत और फिर दो सप्ताह न्यायिक हिरासत अनिवार्य होगी। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि इन अधिकारियों ने 2015 में शुरू हुई जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया था।