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महासमुन्द नपा उपाध्यक्ष का पलटवार,अध्यक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप

महासमुन्द नपा उपाध्यक्ष का पलटवार,अध्यक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप

महासमुन्द।
नगर पालिका उपाध्यक्ष देवीचन्द्र राठी ने नगर पालिका अध्यक्ष निखिल कान्त साहू पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि नपा अध्यक्ष महतारी वंदन एवं पेंशन भुगतान को लंबित बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह निराधार है।

उपाध्यक्ष राठी ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार हर माह की 2 तारीख को महतारी वंदन योजना की राशि ₹1000 महिला हितग्राहियों के खाते में जमा करती है। इसी तरह वृद्धावस्था, विकलांग, विधवा और तलाक पेंशन भी नियमित रूप से हर माह सीधे खातों में डाली जा रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में पेंशन की राशि 3-3 माह तक अटकी रहती थी, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद से नियमित भुगतान सुनिश्चित हुआ है। नगर में लगभग 11 हजार महिलाएं महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही हैं तथा 5 हजार से अधिक पेंशनधारी प्रतिमाह सीधे बैंक खाते में राशि पा रहे हैं।

उपाध्यक्ष ने आगे कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा की पहल पर विधानसभा क्षेत्र के 5 ग्राम पंचायतों में महतारी सदन का निर्माण हो रहा है, जो माताओं-बहनों के लिए बड़ी सौगात है।

राठी ने नपा अध्यक्ष को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि,

“अध्यक्ष को छत्तीसगढ़ सरकार पर अनर्गल बयानबाजी करने के बजाय अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान की चिंता करनी चाहिए। मई 2025 तक का ही वेतन नियमित व प्लेसमेंट कर्मचारियों को मिला है। लगभग तीन माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला, जिससे त्यौहारों में वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की इस समस्या का समाधान करने की बजाय अध्यक्ष केवल सरकार की आलोचना में लगे रहते हैं।

राठी ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार हर वर्ग के हित के लिए सजग है।

गरीबों व एपीएल राशनकार्डधारियों को अग्रिम तीन माह का चावल मुफ्त उपलब्ध कराने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है।

हर गरीब को आवास दिलाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है और लगभग 50 हितग्राहियों को जल्द ही आवास पट्टे जारी होंगे।

अंत में उपाध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों, माताओं और पेंशनधारियों की चिंता कर रही है। जनता को भ्रमित करने का प्रयास करने वाले बयान नपा अध्यक्ष को शोभा नहीं देते।

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