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बड़ी खबर-दुर्लभ जैन तीर्थंकर की प्रतिमा को बाहर ले जाने का प्रयास एक बार फिर हुआ विफल-नपा अध्यक्ष के नेतृत्व में नागरिको ने किया विरोध

बड़ी खबर-दुर्लभ जैन तीर्थंकर की प्रतिमा को बाहर ले जाने का प्रयास एक बार फिर हुआ विफल-नपा अध्यक्ष के नेतृत्व में नागरिको ने किया विरोध

आरंग। कुछ वर्षों पहले खुदाई के दौरान मिली दुर्लभ जैन तीर्थंकर की सादृश्य प्रतिमा को बाहर ले जाने का प्रयास एक बार फिर विफल हो गया है। नगर पालिका अध्यक्ष डॉ संदीप जैन के नेतृत्व में पार्षदों तथा नागरिको के जम कर विरोध के बाद प्रतिमा लेने आये प्रतिनिधियो को खाली हाथ लौटना पड़ा। आपको बता दे छत्तीसगढ़ के आरंग को मंदिरों की नगरी कहा जाता है, यहां मिलने वाले प्राचीन और दुर्लभ मूर्तियों के कारण आरंग की पहचान पूरे देश में है। सितंबर 2021 में आरंग के अंधियार खोप तालाब में गहरीकरण के दौरान प्राचीन और दुर्लभ जैन तीर्थंकर की सादृश्य प्रतिमा मिली थी। प्रतिमा को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा भांडदेवल मंदिर में सुरक्षित रखा गया है। इस प्रतिमा को डोंगरगढ़ के जैन समाज ने इस मूर्ति को ले जाने के लिए प्रशासन से मांग की थी। जिस पर रायपुर के तत्कालीन कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे ने मूर्ति को जैन समाज डोंगरगढ़ को सौंपने का आदेश जारी कर दिया था। लेकिन आदेश का आरंग के स्थानीय लोगों के विरोध के बाद विधायक गुरु खुशवंत साहेब के प्रयासों के चलते तत्कालीन संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रतिमा आरंग में रखे जाने की घोषणा की थी साथ में आरंग संग्रहालय बनाने की भी घोषणा की थी।परन्तु एक वर्ष बाद आज फिर प्रतिमा लेने पहुचे प्रतिनिधियो को विरोध का सामना करना पड़ा। प्राप्त जानकारी के नगर पालिका अध्यक्ष डॉ संदीप जैन को चर्चा करने के लिए आरंग एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा ने अपने ऑफिस बुलाया जहां पहले से जैन समाज के लोग मौजूद थे लेकिन उन्होंने चर्चा करने मना कर दिया।इसी बीच पार्षद पुष्कर साहू और पार्षद प्रतिनिधि खिलेश धुरंधर एसडीएम के पास पहुंचे और उन्होंने नगर हित में मूर्ति को लेकर अपना पक्ष रखा,इस दौरान दोनों के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई और पार्षद पुष्कर साहू एसडीएम ऑफिस से बाहर निकल गए। इस घटना से जैन समाज के लोग नरम पड़ गए और उनको मूर्ति के बिना ही वापस लौटना पड़ा।इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि आरंग में खुदाई के दौरान निकली प्राचीन प्रतिमाएं किसी भी हाल में बाहर नही ले जाने दिया जायेगा।आरंग की पहचान यहां के प्राचीन मूर्ति, अवशेषों और ऐतिहासिक धरोहरों के कारण होती है। नागरिकों की बिना सहमति के आरंग की धरोहरों को ले जाने अनुचित है।इस अवसर पर नपा उपाध्यक्ष हिरामन बंजारे, पार्षद पुष्कर साहू, नरेंद्र लोधी ,संतोष लोधी, पार्षद प्रतिनिधि राकेश सोनकर,खिलेश धुरंधर, पूर्व पार्षद सुशील जलक्षत्री, बीजेपी महामन्त्री अशोक चंद्राकर, तुलाराम साहू,नागेंद्र विश्वकर्मा,यशपाल लोधी, अमन साहू , बसंती साहू सहित बड़ी संख्या में नागरिक गण उपस्थित थे।
विनोद गुप्ता-आरंग

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