नवरात्र पर सोहम हॉस्पिटल लभरा खुर्द द्वारा 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक पूरे 10 दिनों तक अस्पताल में मरीजों को निःशुल्क परामर्श

महासमुंद जिले के लभरा खुर्द स्थित सोहम हॉस्पिटल इस वर्ष भी नवरात्रि पर्व पर सामाजिक दायित्व निभाते हुए विशेष पहल कर रहा है। 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक पूरे 10 दिनों तक अस्पताल में मरीजों को निःशुल्क परामर्श सेवा दी जाएगी।
इस अवधि में अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर –
डॉ. युगल चन्द्राकार (एम.डी. एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ)
डॉ. सोमी चन्द्राकार (स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ)
डॉ. गौरव साहू (एमबीबीएस, एमएस ऑर्थोपेडिक्स)
अपनी सेवाएँ पूरी तरह निशुल्क प्रदान करेंगे।
डॉक्टरों का मानना है कि नवरात्रि केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं, बल्कि समाज सेवा और जनकल्याण की प्रेरणा का अवसर भी है। यही कारण है कि वे प्रतिवर्ष इस पावन पर्व पर मरीजों को मुफ्त परामर्श उपलब्ध कराते आ रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, इस निःशुल्क परामर्श शिविर में सभी प्रकार की बीमारियों के मरीज शामिल हो सकते हैं। चाहे मरीज सामान्य रोगों से जूझ रहे हों या गंभीर स्वास्थ्य समस्या से, उन्हें उचित मार्गदर्शन और उपचार संबंधी परामर्श मिलेगा। आधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञ टीम के सहयोग से मरीजों को संपूर्ण देखभाल सुनिश्चित की जाएगी।
विशेष व्यवस्था :
अस्पताल प्रबंधन ने अनुमान जताया है कि नवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में मरीज पहुंचेंगे। इसलिए रजिस्ट्रेशन काउंटर, प्रतीक्षालय और परामर्श कक्षों में अतिरिक्त स्टाफ नियुक्त किया गया है ताकि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
डॉक्टरों की राय :
डॉ. युगल चन्द्राकार – “यह पहल केवल परामर्श तक सीमित नहीं रहेगी। मरीजों को स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, योग और ध्यान की महत्ता पर भी जागरूक किया जाएगा। हमारा मानना है कि बीमारी से बचाव इलाज से अधिक महत्वपूर्ण है।”
डॉ. सोमी चन्द्राकार – “विशेष रूप से महिलाओं और गर्भवती माताओं के लिए यह परामर्श अत्यंत लाभकारी रहेगा। महिलाएँ अक्सर अपनी समस्याओं को नजरअंदाज करती हैं, लेकिन इस शिविर में वे बिना किसी झिझक के आकर जाँच और सलाह ले सकती हैं।”
डॉ. गौरव साहू – “हड्डियों एवं जोड़ों की समस्याएँ बहुत आम हैं। कई मरीज दर्द झेलते रहते हैं लेकिन समय पर डॉक्टर से नहीं मिल पाते। इस शिविर में उन्हें निःशुल्क जाँच और उचित मार्गदर्शन मिलेगा।”
सोहम हॉस्पिटल की यह पहल नवरात्रि पर्व को समाज सेवा से जोड़ते हुए एक सराहनीय कदम है। डॉक्टरों ने यह साबित किया है कि चिकित्सक केवल रोगों का इलाज ही नहीं करते, बल्कि समाज और जनकल्याण में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।