धसकुड जलप्रपात में खतरे का मंजर, भीड़भाड़ और शराबखोरी बना चिंता का विषय

सिरपुर/महासमुंद।
बरसात के मौसम में प्रकृति की गोद में बसे धसकुड जलप्रपात की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। सिरपुर से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित यह जलप्रपात इन दिनों पर्यटकों और युवाओं से गुलजार है। लेकिन यह आनंद अब बिना सुरक्षा व्यवस्था के एक बड़े खतरे में तब्दील हो चुका है।

इस तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह बड़ी संख्या में लोग चट्टानों पर चढ़े हुए हैं, बच्चे और युवा फिसलन भरी चट्टानों के बीच पानी का आनंद ले रहे हैं। न कोई गार्ड, न कोई गाइडलाइन — यह लापरवाही किसी भी दिन गंभीर हादसे को जन्म दे सकती है।
खुलेआम शराबखोरी और भीड़भाड़ से बिगड़ रहा माहौल
स्थानीय लोगों और पर्यटकों के अनुसार, धसकुड अब शराबियों का डेरा बन चुका है। शराब पीकर तालाब और जलप्रपात में कूदना, चिल्लाना, महिलाओं और परिवारों के लिए असहज वातावरण तैयार कर रहा है।

कसडोल से आए एक पर्यटक ने बताया की “छुट्टी वाले दिन तो यहां मेले जैसा माहौल होता है, लेकिन अनुशासन शून्य है कई बार लोग नशे में चट्टानों से फिसल जाते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य के बीच सुरक्षा का अभाव

फोटो में देखा जा सकता है कि लोग खतरनाक ऊंचाई पर पानी के नीचे खड़े हैं, कुछ पत्थरों पर बैठकर फिसलने की स्थिति में हैं। यह दृश्य यह भी बताता है कि कोई रक्षक या सुरक्षाकर्मी यहां मौजूद नहीं है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि जरा सी चूक किसी को जान गंवाने पर मजबूर कर सकती है, लेकिन अभी तक न तो प्रशासन की कोई निगरानी है, न चेतावनी बोर्ड, और न ही कोई प्राथमिक चिकित्सा सुविधा।
प्रशासन से मांग: पर्यटन स्थल को मिले सुरक्षा और व्यवस्था

स्थानीय ग्रामीणों और पर्यटकों ने प्रशासन से मांग की है कि जलप्रपात क्षेत्र में सीमांकन और बैरिकेड्स लगाए जाएं। सुरक्षा गार्ड और गश्त की व्यवस्था हो।
शराबियों पर सख्त कार्रवाई हो और खुलेआम शराब पीने पर प्रतिबंध लगे। स्थल को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित कर साफ-सफाई व टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी जोड़ी जाएं।
आपको बता दे कि गरियाबंद जिले के पाण्डुका थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रसिद्ध गजपल्ला वॉटरफॉल में 15/16 जुलाई को रायपुर से पिकनिक मनाने आई युवती की डूबने से मौत हो गई। मृतका की पहचान रायपुर निवासी महविश खान (22 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया गया कि युवती सेल्फी लेने के दौरान फिसलकर पानी में गिर गई और तेज बहाव में बह गई।
सूचना मिलते ही SDRF, नगर सेना, पुलिस और वन विभाग की टीम ने करीब 22 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। अंततः अगली दोपहर 1:45 बजे युवती का शव जलप्रपात के नीचे स्थित एक गुफानुमा हिस्से से बरामद किया गया।
गौरतलब है कि गजपल्ला जलप्रपात को पहले ही खतरनाक क्षेत्र घोषित किया गया था, लेकिन सुरक्षा उपाय न होने के कारण यह हादसा हुआ। घटना के बाद प्रशासन ने गजपल्ला वॉटरफॉल के साथ चिंगरापगार वॉटरफॉल क्षेत्र को पूर्णतः बंद कर दिया है और सुरक्षा की समीक्षा के आदेश दिए गए हैं।