धर्म-भक्ति में डूबा धर्म नगरी आरंग-जोत जंवारा विसर्जन का क्रम जारी…

आरंग। आश्विन मास शुक्ल पक्ष नवरात महानवमी/दशमी तिथि को आरंग के घरों घर तथा मंदिरों में कन्या भोज एवं जोत जंवारा विसर्जन की झांकी दिखाई दे रही है जिसमे आदि शक्ति के बाना ( सांग) को लेकर भक्तगण श्रद्धा के साथ नृत्य करते हुए नजर आ रहे है। कल भी कई स्थानों पर हवन आदि कार्य संपन्न हुए और सुबह से लेकर रात तक भक्तगण मंदार के थाप के साथ नाचते गाते एवं माता रानी के विसर्जन को लेकर भाव भक्ति में डूबे नजर आये जो अभी तक अनवरत जारी है।आज दशहरा ग्राउंड में हाई स्कूल मैदान में संक्षिप्त रामलीला मंचन के साथ रावण का दहन करेंगे। जगह-जगह भंडारे के आयोजन भी किया जा रहा है।

सार्वजनिक नवदुर्गा समिति दुर्गा मंदिर महामाया पारा के तत्वाधान में विशाल भंडारे का आयोजन चल रहा है जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण कर रहे है।ज्ञात हो की नगाड़े एवं ढोलक की थाप , घुंघरू की झंकार, सांग अर्थात बाना लेकर घंटो नृत्य करना,माता काली, कंकाली और शेर का गेटअप बनाना एवं विविध प्रकार से माता के प्रति अपनी भक्ति को प्रदर्शित करना वैदिक मंत्रों की ध्वनि उच्चार एवं आचार्य गणों की गूंजती आवाज आरंग की प्राचीन परंपरा रही है। इसलिए आरंग एक महान धार्मिक मंदिरों का नगर कहा जाता है। ज्योत जवारा के विसर्जन का क्रम अभी भी जारी है।
विनोद गुप्ता-आरंग



