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देश के महापुरुषों व शहीद की प्रतिमा अंधेरे में, नगर पालिका को सुध नहीं

देश के महापुरुषों व शहीद की प्रतिमा अंधेरे में, नगर पालिका को सुध नहीं

नवापारा राजिम। नवापारा नगर में अनेक जगहों विभिन्न चौक चौराहों पर नगर पालिका द्वारा देश के महापुरुषों व शहीद की आदमकद प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। नगर के हृदय स्थल गांधी चौक घना अंधेरा रहता है। यहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, छत्तीसगढ़ी के महान साहित्यकार ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व छत्तीसगढ़ के गांधी के रुप में जाने जाने वाले वाले पंडित सुंदर लाल शर्मा की प्रतिमा स्थापित है। यहां भी अंधेरा कायम है।जिसकी देख रेख व रखरखाव की जिम्मेदारी नगर पालिका द्वारा की जाती है।

आज ये चौक – चौराहे पूरी तरह से अंधेरे में डूबे हुए हैं। देश के महापुरुष व शहीद अंधेरे में है। गंज रोड में हरिहर स्कूल के पास छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा लगाई गई है। जिसे देखकर लोग उनके बलिदान को याद कर सके। यहां पर भी घना अंधेरा रहता है। जबकि चंद कदम पर पालिका कार्यालय है। पानी टंकी के सामने सरकारी अस्पताल के पास अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा स्थापित है ।

यहां की एलईडी लाइट कई महीनो से खराब है जिसे ठीक नहीं किया गया है।रायपुर रोड में गुलाब गार्डन के बाजू देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की प्रतिमा लगी हुई है यह स्थल भी अंधेरे में डूबा हुआ है। स्थानीय बस स्टैंड में लौह महिला पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है। यहां पर भी यही स्थिति है। यहां से चंद कदमों की दूरी पर आजादी के दीवाने महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगी हुई है।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा स्थानीय नेहरू घाट में लगी हुई है जबकि यहां पर स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की सरकार बैठी हुई है उसके बावजूद नेहरू जी की प्रतिमा अंधेरे में डूबी हुई है। लाखों रुपए खर्च कर प्रतिमा लगाई गई है ,चौक बनाया गया है उसके बाद भी यहां पर अंधेरा कायम है। स्थानीय प्रशासन को वार्ड वासियों ने कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया वहीं पालिका को आवेदन भी दिया गया लेकिन स्थिति जस की तरफ बनी हुई है यहां पर अंधेरा अभी भी बना हुआ है। वार्ड वासी नगर पालिका जा जाकर परेशान हो गए हैं। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की अस्थियों को त्रिवेणी संगम में इसी स्थान पर विसर्जित किया गया था। यह देश की ऐतिहासिक धरोहर है। इसी की याद में यहां पर नेहरू स्तंभ बनाया गया है और घाट का नाम भी नेहरू घाट रखा गया है। जनप्रतिनिधियों एवं नगर पालिका द्वारा इस स्थान की उपेक्षा समझ से परे है। सिर्फ मेले भर यहां पर रोशनी की जाती है बाकी समय यहां अंधेरा कायम रहता है। जिसका फायदा असामाजिक तत्व रात के समय उठाते हैं।

तुकाराम कंसारी राजिम

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