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दीपावली में 23 सौ दिये से जगमग हुआ था, सिढी संहित खल्लारी मातेश्वरी पहाड़ी

दीपावली में 23 सौ दिये से जगमग हुआ था, सिढी संहित खल्लारी मातेश्वरी पहाड़ी

महासमुंद/ दानदाताओं द्वारा संचालित भण्डारा एवं विकास समिति खल्लारी के तत्वावधान में प्रतिवर्षानुसार इस बार भी नीचे शुरूवात के प्रथम सीढ़ी से पहाड़ी वाली खल्लारी मंदिर तक पहाड़ी के 981 सिढीयों में खल्लारी के महराज मुलदास वैष्णव के विधिवत पुजा अर्चना एवं मंत्रोंच्चार के साथ दीपावली के दिये जलाये गये। जहां पुजा अर्चना में बतौर मुख्यअतिथि के में रूप खल्लारी थाना प्रभारी शैलेन्द्र नाग अपने सपरिवार संग उपस्थित हुये। पुजा अर्चना के साथ दियों के रोशनी से खल्लारी पहाड़ी जगमग हुआ। इसके साथ ही पहाड़ी के पूरे ऊपरी हिस्सा के चारो ओर भी प्रमुख - प्रमुख स्थानों में दिये प्रमुखता से जलाये गये थे। वहीं सड़क मार्ग से नीचे वाली माता राऊर स्थित खल्लारी माता मंदिर मार्ग भी दिप के दियों से जगमगाते रहे। यहां इस बार करीब 23 सौ दिये जलाये गये थे। 


    दानदाताओं द्वारा संचालित भण्डारा एवं विकास समिति खल्लारी के अध्यक्ष रमेश तिवारी  ने बताया कि खल्लारी मातेश्वरी पहाड़ी के सिढीयों, भण्डारा परिसर, मंदिर स्थल, पहाड़ी ऊपर एवं नीचे माता राऊर मंदिर मार्ग में दीपावली के दिये जलाने की शुरूवात सन् 2000 में हुई है। जो लगातार अब तक चल रहा है। इसकी शुरूवात भण्डारा एवं विकास समिति खल्लारी के तात्कालीन संस्था प्रमुख संस्थापक स्व. डाॅ तरसेम बजाज ने समिति के माध्यम से प्रारम्भ कराया था। जो कि दीपावली के दिये जलाने का आयोजन अब तक पर्व में होते आ रहा है। खल्लारी मातेश्वरी पहाड़ी के सिढीयों में दिपावली के दिये जलाने के पहले शुरूवात के पहले सिढी के सामने माॅ खल्लारी व माॅ लक्ष्मी के विधिवत पुजा अर्चना के साथ उपस्थित अतिथि, श्रद्धालुजन, समिति के सदस्यों, ग्रामीणजन, क्षेत्रवासी व छोटे - बडे़ बच्चों द्वारा दिये जलाये जाते हैं। यहां इस बार करीब 23 सौ दिये जलाये गये थे। जिस दीपावली के जगमग दिये से खल्लारी मातेश्वरी पहाड़ी जगमग हुये। इस दौरान प्रमुख रूप से रमेश तिवारी, बैसाखु चक्रधारी, शंकर कौशिक, बिसहत सबर, दयाराम मरकाम, खोलबाहरा दिवान, तारेश साहू, मिल्लुराम साहू, खोलबाहरा पटेल, मनहर दीवान, त्रिलोचन यादव, धनीराम चौहान, कमल सोनी, भोलाराम पटेल, सोम ध्रुव, हेमलाल साहू, दाऊलाल निषाद, करण निर्मलकर, गोविंद यादव, तेरथ कैंवर्त, ताराचंद साहू, गोकुल साहू, चैनसिंग ध्रुव, मन्नु चन्द्राकार, किशुन पाटले संहित ग्रामीणजन व क्षेत्रवासी लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुये।

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