जनपद स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण ) में 14 वर्षों से कार्यरत विकासखंड समन्वयक एवं संकुल समन्वयकों ने दिया इस्तीफा
छत्तीसगढ़ राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण )कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री नीलमणि चंदेल, उपाध्यक्ष श्री रजनीकांत बंजारे , संगठन मंत्री श्री घनश्याम पटेल एवं रायपुर संभाग अध्यक्ष श्री अश्वनी कुमार थवाईत जी ने बताया कि राज्य सलाहकार एवं उनके अकाउंटेंट के द्वारा इनका सही वेतन निर्धारण नहीं किया जिनके कारण इन कर्मचारियों का मानदेय 14 वर्ष में कभी नहीं बढ़ा। जबकि राज्य सलाहकार, जिला समन्वयक एवं जिला सलाहकारों की वेतन निर्धारण NRLM की गाइडलाइन की हवाला देकर उनके मानदेय में भारी बढ़ोतरी किया इसी दौरान यदि विकासखंड एवं संकुल सामान्यकों की भी वेतन NRLM के समकक्ष निर्धारण कर सेटअप तैयार किए रहते तो आज विकासखंड और संकुल समन्वयकों को यह दिन नहीं देखना पड़ता ।
राज्य सलाहकारों ने अपनी मानदेय NRLM की गाइडलाइन की हवाला देकर दो से तीन बार मानदेय में बढ़ोतरी की गई वहीं पर जिला समन्वयक एवं जिला सलाहकारों की मानदेय 20000 से 40000 एवं 18000 से 30000 किया गया है,किंतु विकासखंड और संकुल समन्वयकों के साथ हर बार की तरह छल किया गया जिस कारण इन लोगों को आज सामूहिक त्यागपत्र देने पर विवश होना पड़ा।
इन कर्मचारियों की एक ही मांग है :- शासन की गाइडलाइन NRLM के समकक्ष हो इनका मानदेय।
NRLM में कार्यरत कर्मचारियों की मानदेय एसबीएम की कर्मचारियों से लगभग से चार गुना अधिक है।
विकास भवन मंत्रालय में बैठे राज्य सलाहकारों से वेतन वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर सिर्फ आश्वासन देते थे आप लोग का काम हो रहा है ,हो रहा है करके और यूं ही 10 साल गुजार दिए । कभी किसी Vc या मीटिंग में वेतन वृद्धि के बारे में बात करने पर एक ही बात बोलते थे कि फाइल आगे बढ़ा दी गई है। फिर कहते थे क्युरी आ गया है करके फाइल वापस आ गया है।
ऐसे अधिकारियों के इस घोर शोषणनीति के कारण परेशान होकर पूरे छत्तीसगढ़ में जनपद स्तर पर कार्यरत विकासखंड समन्वयक एवं संकुल समन्वयकों सामूहिक त्याग पत्र दे दिया है।