जनपद उपाध्यक्ष हुलसी चंद्राकर की पहल से सुधरेगी आंगनवाड़ी व्यवस्था, हर गांव में बनेगी निगरानी समिति

महासमुंद। बेलसोंडा आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों की थाली से दाल गायब होने का मामला सामने आने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग में हड़कंप मच गया है। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती हुलसी चंद्राकर ने तत्काल मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही अधिकारियों को भी जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

श्रीमती चंद्राकर की पहल का असर जिलेभर में देखने को मिल रहा है। विभाग ने बच्चों के पोषण और देखभाल में पारदर्शिता लाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए 9 सितंबर को आदेश जारी किया है कि अब महासमुंद जिले के प्रत्येक गांव में निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति तीन दिनों के भीतर बनाई जाएगी।
निगरानी समिति की संरचना और जिम्मेदारियां
गांव स्तर पर गठित समिति की अध्यक्षता महिला सरपंच या पंच करेंगी। इसमें स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष, प्रतिष्ठित नागरिक, बच्चों के अभिभावक और मितानिन शामिल होंगी। समिति सप्ताह में कम से कम दो बार आंगनवाड़ी केंद्र का निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के दौरान निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा—
केंद्र के खुलने और बंद होने का समय
बच्चों की उपस्थिति
मेनू अनुसार नाश्ता और गरम भोजन की उपलब्धता
केंद्र की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था
बच्चों को दी जा रही अनौपचारिक शिक्षा गतिविधियां
यदि निरीक्षण में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो समिति तुरंत संबंधित पर्यवेक्षक अथवा परियोजना अधिकारी को सूचित करेगी।
श्रीमती हुलसी चंद्राकर की तत्परता और सक्रियता से यह साबित हुआ है कि जनप्रतिनिधि यदि सजग रहें तो सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंच सकता है और बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सकता है।
