छत्तीसगढ़ी परंपरा के अनुरूप यहाँ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया पोला पर्व…

आरंग।छत्तीसगढ़ की गौरवशाली परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाते हुए क्षेत्र में इस वर्ष ग्राम भिलाई में पोला़ पर्व बड़े ही हर्षोल्लास और पारंपरिक धूमधाम के साथ मनाया गया।पोला़ पर्व के अवसर पर कृषक बंधुओं ने अपने बैलों को स्नान कराकर विधि-विधान के साथ बैलों की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद सजे-धजे बैलों का पारंपरिक गांव भ्रमण कराया गया, जिसमें गांव-के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए।बच्चों ने मिट्टी के बैल (नंदिया) बनाकर चलाया गूंज ने उत्सव को और भी आनंदमय बना दिया।कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दीं और छत्तीसगढ़ी संस्कृति को संजोने का संकल्प लिया। यह पर्व न केवल कृषकों के परिश्रम का सम्मान है, बल्कि भाईचारे, सहयोग और एकता का संदेश भी देता है।पोला़ पर्व के माध्यम से छत्तीसगढ़ की अस्मिता, कृषि-आधारित जीवनशैली और सामाजिक समरसता की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
विनोद गुप्ता-आरंग


