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अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से 6 साल की बच्ची की हुई मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप,थाने में सौंपा ज्ञापन……

अस्पताल की लापरवाही से 6 साल की बच्ची की हुई मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप,थाने में सौंपा ज्ञापन……

महासमुंद- तुमगांव के नवजीवन हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक बच्ची की मौत होने का आरोप परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया है जिसकी लिखित में शिकायत तुमगांव थाने पर किया गया। और दोषी डॉक्टरों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात की है।

यह है पूरा मामला…..

महासमुंद मुख्यालय से 12 किलोमीटर की दूरी पर तुमगांव का है जहां पर मुख्य मार्ग पर ही नवजीवन अस्पताल संचालित हो रहा है। तुमगांव निवासी नेतराम धीवर 29 अगस्त को अपनी बच्ची अंकित धीवर उम्र 6 वर्ष को दस्त व बुखार होने पर इलाज के लिए ले गए थे अस्पताल में उस समय कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था अस्पताल में मौजूद नर्स और कंपाउंडर ने बच्ची को भर्ती कर बिना चिकित्सक के इलाज करना शुरू कर दिया।

नेतराम धीवर मृतक बच्ची के पिता

इस दौरान नर्स और कंपाउंडर के द्वारा बच्ची को ड्रिप व कुछ एंटीबायोटिक भी चढ़ाया गया उसके बाद कुछ ही देर में बच्ची बेहोश हो गई। बच्चे की स्थिति में कोई सुधार होते ना देख अस्पताल स्टाफ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुमगांव ले जाने के लिए कहा गया वहीं बच्ची के पिता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया तो वहां के चिकित्सको ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने नगर पंचायत तुमगांव के उपाध्यक्ष को फोन कर सूचना दी।

नवजीवन अस्पताल के प्रबंधन ने उसके बाद बिना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचना दिए बिना अस्पताल बंद कर दिया इसके बाद से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर तुमगांव थाने में लिखित शिकायत किया। मृत बच्ची के परिजन अब अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं वहीं अस्पताल प्रबंधन इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है।

शिकायत आने के बाद अधिकारी ने कहा……

छत्रपाल चंद्राकार नोडल नर्सिंग होम एक्ट

इस पूरे मामले में नर्सिंग एक्ट के नोडल अधिकारी का कहना है कि शिकायत आने के बाद डॉक्टरो की टीम गठित कर जांच की जा रही है लापरवाही साबित होने पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

पप्पू पटेल उपाध्यक्ष नगर पंचायत तुमगांव

गौरतलब है कि नवजीवन अस्पताल में ना हीं चिकित्सा का बोर्ड लगा है और ना ही कोई समुचित व्यवस्था है। बहरहाल मृतक के परिजन अब मृत बच्ची को दफना दिए थे जिसे पुलिस के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने दफन किए बच्चे को बाहर निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चार चिकित्सकों की एक टीम बनाकर जांच के आदेश दे दिया है। अब देखना होगा की जांच में क्या तथ्य निकलकर सामने आता है।

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