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धर्म-वट सावित्री व्रत एवं शनि जयंती पर नगर के मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता-भंडारे का भी आयोजन..

धर्म-वट सावित्री व्रत एवं शनि जयंती पर नगर के मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता-भंडारे का भी आयोजन..

आरंग। राजा मोरध्वज की पौराणिक ऐतिहासिक धर्म नगरी आरंग में आज ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा गया। महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर श्रृंगार सहित अपने सुहाग की लंबी उम्र की सलामती के लिए बरगद के वृक्ष के तले पूजा की थाली में बांस का पंखा, लाल कलावा, सुहाग का सामान, धूप, दीप घी आदि के सहित माता सावित्री एवं सत्यवान की पूजा की तथा वट वृक्ष पर कलावा बांध परिक्रमा करती हुई दिखी। पौराणिक कथा के अनुसार माता सावित्री ने अपने सतीत्व शक्ति के बल पर अपने पति सत्यवान को यमराज से भी छीन कर सही सलामत वापस ले आई थी इसलिए इस व्रत के प्रति महिलाएं विशेष श्रद्धा रखती हैं।
वही शनि जयंती के अवसर पर नगर के विभिन्न शनि मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु गणों का तांता लगा हुआ है। शनि भगवान का अभिषेक कर सरसों का तेल, दीपक एवं विभिन्न प्रकार के नैवेद्य,काले तिल भी अर्पित किए जा रहे हैं एवं हवनादि कार्य के साथ अनेकों जगह भंडारे का भी आयोजन चल रहा है। नगर में नेताजी चौक , रानीसागर तालाब, शास्त्री नगर, महामाया मंदिर सहित कई तालाबो के किनारे श्री शनिदेव विराजमान है। ज्ञात हो की भगवान शनि का जन्म भी ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को रात्रि में हुआ था, साथ में आज रोहिणी नक्षत्र पड़ने के कारण यह दिन और खास हो गया है क्योंकि इसी नक्षत्र में भगवान कृष्ण का भी जन्म माना गया है।

विनोद गुप्ता-आरंग

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