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हिन्दू सम्मेलन-पांच परिवर्तन के विषय पर हुआ विस्तार पूर्वक चर्चा

हिन्दू सम्मेलन-पांच परिवर्तन के विषय पर हुआ विस्तार पूर्वक चर्चा

आरंग।कुरूद मंडल के कुरूद ग्राम में हिंदू सम्मेलन में मुख्य वक्ता जिला कार्यवाह लोकनाथ साहू ने कहा हिंदू सम्मेलन में आए है हिंदू मतलब क्या भारत वर्ष में रहने वाले सभी व्यक्ति जो पूजा करता है टीका लगाता है शिखा रखता है चाहे वो किसी भी जाति का हो हिंदू है।
भारत का नाम भारत कैसे पड़ा दुष्यंत और शकुंतला की संतान भरत हुए उनके नाम से इस देश का नाम भारत पड़ा । एक समय सोने की चिड़िया रहा धन धान्य से भरा देश था समय बीता अनेकों आक्रमणकारी आए और देश को लुटा,आस्था के केंद्र मठ,मंदिर सब तोड़वा दिए। मुगलों का आक्रमण हुआ बाबर ने अनेकों हिन्दू मंदिरों को तोड़ दिया।राम मंदिर को भी तुड़वाया ताकि इस देश के के आस्था के केंद्रो पर बार बार प्रहार किए। स्वामी विवेकानंद जी कहते थे मुझे ऐसे 100 युवा मिल जाए जिनके स्नायु फौलाद की तरह मजबूत हो तो मैं इस देश का कायापलट कर दूंगा ,संघ के संस्थापक केशव बलिराम पंत हेडगेवार ने परतंत्र भारत में यह सोचा कि यह देश आजाद तो हो जाएगा पर कब तक रहेगा इसलिए उन्होंने हिंदूओं को संगठित करने का विचार किया। उस समय स्थिति ऐसी थी कि लोग कहते थे कि मुझे गधा कह लो लेकिन हिंदू मत कहो। ऐसी स्थिति में भी हिंदुओं का संगठन करने के लिए उन्होंने 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा उसके बावजूद संघ अपनी 100 वर्ष की यात्रा पूरी कर चुका है। धर्म के क्षेत्र में काम करने के लिए विश्व हिंदू परिषद का उदय हुआ, ऐसा एक संगठन है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देशभक्ति का भाव जगाने के लिए इसका उदय हुआ, इस तरह से देश भर में आरएसएस ने 44 संगठन शुरू किया, हिंदू सम्मेलन में इस बातों को जानना आवश्यक है कि संघ क्या है पांच परिवर्तन के विषय पर भी प्रकाश डाला सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य बोध एवं स्वदेशी इन पांच परिवर्तन के विषय पर भी विस्तार पूर्वक उन्होंने अपनी बात रखी और समाज में इन विषयों पर कार्य करने का आग्रह किया।
विनोद गुप्ता-आरंग

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