छत्तीसगढ़ के इस रेत कलाकार ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बढ़ाया मान-अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ का किया सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व

आरंग।छत्तीसगढ़ के एकमात्र प्रतिष्ठित रेत कलाकार (Sand Artist) और तामासिवनी गांव के गौरव हेमचंद साहू ने ओडिशा के कोणार्क-चंद्रभागा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ राज्य का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व कर प्रदेश का नाम रोशन किया है।गौरवशाली प्रतिनिधित्व करने पर ओडिशा सरकार और इस कला के ब्रांड एंबेसडर पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने विशेष रूप से सम्मानित किया। गुरु से प्रेरणा अंतर्राष्ट्रीय पहचान रेत कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने वाले श्री हेमचंद साहू पद्मश्री सुदर्शन पटनायक को अपना गुरु मानते हैं और उन्हीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने कला के इस विशिष्ट क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया उनकी सक्रियता का प्रमाण है कि उन्होंने अब तक 200 से अधिक रेत कलाकृतियाँ बनाई हैं वे विशेष रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक और समसामयिक विषयों पर मार्मिक कलाकृतियाँ बनाने के लिए जाने जाते हैं उनकी संवेदनशीलता का उदाहरण तब दिखा जब उन्होंने ओडिशा रेल हादसे जैसे संवेदनशील विषय पर भी कलाकृति बनाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की थीतामासिवनी के लिए यह गर्व का क्षण है कि उनके गांव के होनहार कलाकार ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन किया और प्रदेश का मान बढ़ाया।अभूतपूर्व उपलब्धि के बाद ओडिशा से उनकी सीधी वापसी के पश्चात, माँ कौशिल्या धाम, चंदखुरी में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया यह समारोह माँ कौशिल्या जन्मभूमि सेवा संस्थान चंदखुरी, पीपला फाउंडेशन आरंग, भानु प्रताप साहू और समस्त ग्रामवासी-तामासिवनी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, जहाँ हेमचंद साहू को उनकी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी गई और सम्मानित किया गया भेंट- श्रीफल, माँ कौशिल्या की फोटो, शाल व माता की चुनरी भेंट किया था।
विनोद गुप्ता-आरंग


