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महाविद्यालय में साहित्य परिषद का गठन हुआ गठन-ये बनी अध्यक्ष

महाविद्यालय में साहित्य परिषद का गठन हुआ गठन-ये बनी अध्यक्ष

आरंग। आज दिनांक 08 अक्टूबर को बद्री प्रसाद लोधी स्नातकोत्तर शासकीय महाविद्यालय, आरंग में हिंदी विभाग के तत्वावधान में हिंदी साहित्य परिषद का गठन किया गया। यह आयोजन अत्यंत उत्साह और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. (श्रीमती) अभया रा. जोगलेकर थीं, जिन्होंने अपने सान्निध्य से कार्यक्रम को विशेष रूप से सफल बनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.एल.पी. शर्मा ने की तथा संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापक मनोहर मार्कण्डेय द्वारा अत्यंत प्रभावपूर्ण ढंग से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन से हुआ। इसके पश्चात स्वागत भाषण में विभागाध्यक्ष प्रो. एल. पी. शर्मा ने हिंदी साहित्य परिषद के गठन की आवश्यकता और उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस परिषद का गठन विद्यार्थियों में साहित्यिक अभिरुचि जागृत करने, अभिव्यक्ति कौशल विकसित करने तथा हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से किया गया है।मुख्य अतिथि डॉ. अभया जोगलेकर ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और एकता का प्रतीक है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे परिषद की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेकर साहित्यिक चेतना का विस्तार करें। उन्होंने हिंदी साहित्य परिषद के गठन को महाविद्यालय की एक सराहनीय पहल बताया और सभी नवगठित पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ दीं।इसके उपरांत नवगठित हिंदी साहित्य परिषद के पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर श्री तामेश्वर भट्ट ने परिषद के अध्यक्ष के रूप में, सुश्री दिव्या भारती ने उपाध्यक्ष के रूप में, सुश्री प्रीति कचनाहे ने सचिव के रूप में तथा सुश्री अन्नू कोशले ने सहसचिव के रूप में शपथ ग्रहण की। सभी पदाधिकारियों ने निष्ठा, समर्पण और जिम्मेदारी के साथ हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रसार हेतु कार्य करने की प्रतिज्ञा ली। शपथ ग्रहण के पश्चात नवगठित सदस्यों द्वारा अपने विचार भी व्यक्त किए गए। अध्यक्ष तामेश्वर भट्ट ने कहा कि परिषद के माध्यम से महाविद्यालय में वाद-विवाद, कविता पाठ, निबंध प्रतियोगिता, लेखन कार्यशाला आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा को मंच मिल सके। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या डॉ. जोगलेकर ने सभी को बधाई देते हुए हिंदी विभाग की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजन निरंतर होते रहने की आशा व्यक्त की। आभार प्रदर्शन मनोहर मार्कण्डेय ने किया।
विनोद गुप्ता-आरंग

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