21 रूपों वाली दुर्गा प्रतिमा की भव्य स्थापना-बना आकर्षण का केंद्र-सामाजिक समरसता और एकजुटता का बना प्रतीक

आरंग। सर्प के वरदानी नाम से प्रख्यात ग्राम पंचायत डिघारी इस वर्ष दुर्गा उत्सव के विशेष आयोजन को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है। स्कूल चौक में नव युवक दुर्गोत्सव समिति द्वारा इस बार 21 रूपों वाली दुर्गा प्रतिमा की भव्य स्थापना की गई है, जो पूरे क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बन गई है।दुर्गोत्सव समिति के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया बीते वर्ष 9 रूपों वाली माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित गई थी। लेकिन इस वर्ष से विशेष निर्णय लेते हुए समिति ने क्रमशः 21, 51, 101 और 151 रूपों वाली दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना का संकल्प लिया है। इसी कड़ी की शुरुआत करते हुए इस बार 21 रूपों वाली प्रतिमा स्थापित की गई है।प्रतिमा स्थापना के साथ ही पूरे स्कूल चौक और आसपास के क्षेत्र को आकर्षक सजावट और लाइटिंग से सजाया गया है। श्रद्धालु दूर-दराज़ से यहाँ पहुँचकर माता रानी के दर्शन कर धार्मिक माहौल का अनुभव कर रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि डिघारी की यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था और श्रद्धा को बल देती है, बल्कि पूरे क्षेत्र की पहचान बन चुकी है। वहीं समिति ने इसे सामाजिक समरसता और गाँव की एकजुटता का प्रतीक बताते हुए आने वाले वर्षों में इसे और भव्य स्वरूप देने की बात कही है।इस अवसर पर दुर्गोत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक पटेल ने कहा कि डिघारी गाँव की पहचान माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं से है।

पूर्व में 9 रूपों वाली प्रतिमा स्थापित कर हम सबने माता रानी की आराधना की, और अब इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 21 रूपों वाली प्रतिमा स्थापित की गई है। आने वाले वर्षों में हम 51, 101 और 151 रूपों वाली प्रतिमाएँ स्थापित करेंगे। यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पूरे गाँव की एकजुटता, श्रद्धा और परंपरा का प्रतीक है। माता रानी की कृपा से यह आयोजन हर वर्ष और अधिक भव्य रूप लेगा।डिघारी का यह आयोजन इस वर्ष क्षेत्रीय स्तर पर सर्वाधिक चर्चित दुर्गा उत्सव के रूप में उभर रहा है।
विनोद गुप्ता-आरंग



