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विशेष-मछली पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने वाले युवक विनोद को मिला बिलासा देवी केवट मतस्य विकास अलंकरण सम्मान-आइये जाने इनके सफलता की कहानी….

विशेष-मछली पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने वाले युवक विनोद को मिला बिलासा देवी केवट मतस्य विकास अलंकरण सम्मान-आइये जाने इनके सफलता की कहानी….

आरंग। आरंग ब्लॉक के ग्राम कोसरंगी निवासी विनोद दास मत्स्य बीज हेचरी को मत्स्य के क्षेत्र मछली पालन में उत्कृष्ट कार्य किये जाने पर कल 06 नवम्बर को राज्योत्सव के समापन के अवसर पर उपराष्ट्रपति धनगढ़ द्वारा बिलासा देवी केवट मत्स्य विकास पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा।विनोद दास पिता बिसम्भर दास ने BA, MA-हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य एवं B.Ed में ग्रेजुएशन किया है। इनका फार्म ग्राम व पोस्ट कोसरंगी ब्लाक आरंग जिला रायपुर में है। जो रायपुर शहर से 50 कि.मी. दूरी पर स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 2018-19 विनोद दास द्वारा किया गया। शुरू में मछली पालन का कार्य 01 हे. से प्रारम्भ किया था। नौकरी न करने की जिद के चलते इन्होंने इस कार्य की शुरूवात 2010 में की थी। समय के साथ-साथ प्रतिवर्ष तालाब का विस्तार किया गया। आज वर्तमान में स्वयं की भूमि में 12 हे. एवं लिज़ पे ली गई पंचायत तालाब एवं जलाशय लगभग 40 हे. में उनके द्वारा मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है। अभी तीन वर्ष पूर्व मेरे द्वारा मत्स्य बीज हेचरी का निर्माण कर मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य प्रारम्भ किया गया था। इसके साथ ही लगभग 04 हे. कृषि कार्य भी किया जा रहा है। इसमें शासन द्वारा दी जा रही सभी योजनाओं का लाभ विभाग द्वारा इन्हें मिलता रहा एवं अधिकारियों का पुर्ण सहयोग सदा मिलता आ रहा है जिसके लिए उन्होंने सभी का हृदय से अभार भी व्यक्त किया है।

उन्होंने अपनी सफलता का राज खबर छत्तीसगढ़ को बताते हुए बताया कि अपने खेतो में खरीफ और रबी फसलो में उगने वाले खरपतवार को पहले खेत से उखाढ़ कर मेड़ो में या खेत में ही दबा देता था। उसको मै अपने बने तालाबो में डाला घास खाने वाली मछली ग्रास कार्प जो तालाबो मे होती है उसे खाता है तो मैने सोचा कि जो खेत में खरपतवार होता उसे क्यो न तालाग में डाला जाए, इससे यह लाभ हुआ कि मुझे मछलियो के लिए भरपूर मात्रा में खाना मिलने लगा और उत्पादन बढ़ने लगा पौन एकड़ के तालाब में मैने 01 टन उत्पादन कर लिया। और मछलियो के चारे का खर्चा भी आधा हो गया। इसके अलावा समन्वति खेती-नर्सरी के मेंड़ में मैंने आम, नारियल, बादाम, चीकू, जाम के पेड़ लग कर समन्वित खेती किया। जिससे मेंड़ मजबूत हुए ।मेड़ो में जिमी कांदा, हल्दी, मखना एवं नारियल के पेड़ो का रोपन 2015 से शुरू किया था।

विनोद गुप्ता-आरंग

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