विशेष-जानें क्या प्रावधान है मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 161 में
मोटर व्हीकल एक्ट की यह धारा हिट एंड रन दुर्घटनाओं में मुआवजा से संबंधित है। यह धारा उन मामलों में लागू होती है, जहां किसी वाहन द्वारा दुर्घटना होती है, लेकिन वाहन का चालक या मालिक घटना स्थल से भाग जाता है और उसकी पहचान नहीं हो पाती।
हिट एंड रन दुर्घटना
ऐसी सड़क दुर्घटनाएं जहां वाहन का चालक पहचान में नहीं आता और वह मौके से फरार हो जाता है।
मुआवजे का प्रावधान
मृत्यु के मामले में पीड़ित के कानूनी वारिस को 2,00,000 (दो लाख रुपये) का मुआवजा दिया जाता है। गंभीर चोट के मामले में घायल व्यक्ति को 50,000 (पचास हजार रुपये) का मुआवजा दिया जाता है।
मुआवजा कौन देता है
केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 161 के तहत विक्टिम के लिए मुवावजा की स्कीम बनाई है ,जो की अप्रैल 2022 से लागू है।विक्टिम को आर्थिक रूप से प्रोटेक्ट करने के लिए यह कानूनी प्रावधान लाया गया है।
आवेदन प्रक्रिया
पीड़ित या उसके परिवार को संबंधित दुर्घटना के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करानी होती है, मुआवजे के लिए आवेदन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (Accident Claims Tribunal) या जिला प्रशासन के माध्यम से किया जाता है।यह प्रावधान सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को राहत देने के लिए है, खासकर उन मामलों में जहां दोषी व्यक्ति की पहचान मुश्किल हो।घटना में शामिल वाहन का पता लगने पर वाहन का बीमा करने वाली कंपनी विक्टिम को मुवावजे का भुक्तान करती है ,इसके लिए मोटर व्हीकल एसिडेंटल ट्रिब्यूनल में केश चलता है,वही जिन मामलो में वाहन का पता नही चलता केंद्र सरकार उनको मुआवजा देती है।लेकिन इस स्कीम की जानकारी के अभाव में बहुत कम लोगों को मुआवजा मिल पाता है।। इस मेसेज को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाए और लोगो को जागरूक करें ताकि ऐसे केस में विक्टिम आर्थिक रूप से प्रोटेक्ट हो सकें।
सावधान रहे,सुरक्षित रहे…