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वंदे मातरम की 150वीं जयंती पर हुआ विभिन्न आयोजन-“वंदे मातरम” के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व को कराया गया स्मरण..

वंदे मातरम की 150वीं जयंती पर हुआ विभिन्न आयोजन-“वंदे मातरम” के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व को कराया गया स्मरण..

आरंग। वंदे मातरम की 150वीं जयंती के अवसर पर बद्री प्रसाद लोधी स्नातकोत्तर शासकीय महाविद्यालय, आरंग, जिला रायपुर में एक दिवसीय विविध सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रतियोगिताओं का भव्य आयोजन किया गया। महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व को विद्यार्थियों के मध्य पुनर्स्मरण कराना तथा उनमें देशभक्ति की भावना सुदृढ़ करना था।इस विशेष अवसर पर महाविद्यालय परिसर उत्साह और देशभक्ति के रंगों से सराबोर हो उठा। कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन वंदे मातरम की थीम पर किया गया। प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साह और रचनात्मकता के साथ भाग लिया। निबंध प्रतियोगिता में जहाँ प्रतिभागियों ने राष्ट्रगीत के ऐतिहासिक संदर्भ, स्वतंत्रता आंदोलन में उसकी भूमिका और वर्तमान समय में उसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए, वहीं रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने विविध कलात्मक माध्यमों से मातृभूमि, राष्ट्रीय एकता और वंदे मातरम के भाव को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अभया रा. जोगलेकर ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने वंदे मातरम को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा बताते हुए कहा कि यह गीत सदियों से भारतीयों में स्वाभिमान, साहस और एकता की भावना जगाता रहा है।उन्होंने विद्यार्थियों के उत्साह और सृजनशीलता की सराहना करते हुए ऐसे आयोजनों को छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक बताया।कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग के प्रमुख भुनेश्वर साहू द्वारा अत्यंत प्रभावी ढंग से किया गया। उन्होंने प्रतियोगिताओं के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को राष्ट्रीय मूल्यों एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु प्रेरित किया।इस आयोजन के संयोजक राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश कुमार लाल रहे, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाते हुए प्रतियोगिताओं के सफल संचालन में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित की। सह-संयोजक के रूप में सुश्री भावना पुरबिया ने आयोजन की व्यवस्थाओं, समन्वय और प्रतिभागियों के मार्गदर्शन में उल्लेखनीय योगदान दिया।कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण उपस्थित रहे और उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं का अवलोकन करते हुए प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। पूरे आयोजन के दौरान महाविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय भावना, सामूहिकता और सांस्कृतिक गौरव का अद्भुत वातावरण देखने को मिला।वंदे मातरम की 150वीं जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने वाला सिद्ध हुआ। महाविद्यालय परिवार ने इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाते हुए राष्ट्रगीत के सम्मान में एकता और देशभक्ति का संदेश सफलतापूर्वक प्रदान किया।
विनोद गुप्ता-आरंग

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