लखौली में भी दिखा बंद का असर-आमाबेड़ा घटना के विरोध में दुकानें व शराब भट्टी बंद, बाजार रहा सुनसान

आरंग।कांकेर जिले के आमाबेड़ा में मिशनरियों द्वारा स्थानीय जनजाति समाज पर किए गए कथित हमले तथा इस मामले में प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये के विरोध में सर्व समाज छत्तीसगढ़ के आह्वान पर किए गए बंद का असर लखौली क्षेत्र में भी व्यापक रूप से देखने को मिला। बंद के चलते सुबह से ही बाजार पूरी तरह ठप रहा और आम दिनों में चहल-पहल से गुलजार रहने वाला लखौली बाजार दिनभर सुनसान नजर आया।बंद के कारण किराना, कपड़ा, सब्जी, होटल-ढाबा सहित अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

वहीं शराब भट्टी भी पूरी तरह से बंद रही, जिससे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा। सड़कों पर आवाजाही भी बेहद कम दिखाई दी। केवल कुछ आवश्यक सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठान ही सीमित रूप में खुले रहे।स्थानीय व्यापारियों ने आमाबेड़ा की घटना के विरोध में स्वेच्छा से बंद का समर्थन किया। कुल मिलाकर, आमाबेड़ा घटना के विरोध में आहूत बंद का असर लखौली में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया और पूरे दिन बाजार की रौनक गायब रही, जिससे बंद की गंभीरता और जनसमर्थन का अंदाजा लगाया जा सकता है।
विनोद गुप्ता-आरंग


