राष्ट्र निर्माण व्यक्तित्व निर्माण सामाजिक धार्मिक आध्यात्मिक मूल्य हेतु अनवरत 100 वर्ष से कार्य कर रहा है संघ-स्वयंसेवको ने यहां किया पथ संचलन

आरंग।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज गुल्लू मंडल के ग्राम फरफौद में श्री विजयादशमी उत्सव एवं भव्य पथ संचलन शस्त्र पूजन अत्यंत उत्साह एवं अनुशासन के साथ संपन्न हुआ, यह आयोजन संघ के शताब्दी वर्ष की दिशा में समाज संगठन सेवा और राष्ट्र जागरण के उद्देश्य से किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम के सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में शाखा लगने के बाद हुआ कार्यक्रम में रायपुर ग्रामीण जिला के जिला संघ चालक देवेंद्र सिंह ठाकुर, गोपाल यादव प्रांत सह कार्यवाह छत्तीसगढ़ प्रांत एवं मुख्य अतिथि अनिल किशोर पुष्पकार गणेश राम हाई स्कूल गुल्लू के प्रधानाचार्य के मार्गदर्शन में उपस्थित स्वयंसेवकों को प्रेरणादाई विचार प्राप्त हुए।मुख्य अतिथि अनिल किशोर पुष्पकार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वयं की प्रेरणा से राष्ट्र निर्माण व्यक्तित्व निर्माण सामाजिक धार्मिक आध्यात्मिक मूल्य हेतु अनवरत 100 वर्ष से कार्य कर रहा है संघ के स्वयंसेवक शाखा की माध्यम से नित्य प्रतिदिन संस्कार ज्ञान एवं बुद्धि का विकास करते हुए इसका उपयोग राष्ट्र की सेवा के लिए कर रहा है एक राष्ट्रव्यापी संस्था है जिसकी तरफ पूरे विश्व में और कोई भी संस्था नहीं
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री गोपाल यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म रामेश्वरम में हुआ था और वह छठवीं क्लास से ही रामलीला सुनने जाते थे दूसरे धर्म की होने की वजह से लोग उन्हें बाहर कर दिया करते थे एक दिन उन्होंने रामलीला के प्रमुख से मुलाकात किया और कहा कि मुझे रामलीला सुनना बहुत अच्छा लगता है लेकिन मुझे लोग बाहर कर देते हैं तो रामलीला के प्रमुख ने कहा कि आप रामलीला शुरू होने के पहले से ही आकर सामने बैठ जाया कीजिए माननीय श्री एपीजे अब्दुल कलाम ने वही किया उन्होंने सुना की लंका जाते समय समुद्र से रास्ता श्री रामचंद्र जी मांगते हैं तीन दिवस तक जब समुद्र रास्ता नहीं देता तो श्री रामचंद्र जी कहते हैं एक बाण से ही समुद्र का सारा जल सुखा दूंगा और उनके बाण से भीषण चिंगारी निकलने लगती है समुद्र देवता क्षमा मांगते हुए प्रगट होते हैं और उन्हें समुद्र में रामसेतु बनाने का उपाय बताते हैं।

इसी प्रकार जब रावण वध का समय आता है तो रावण की नाभि में अमृत होने के बाद भी श्री रामचंद्र जी जब अपनी बाण को साधते हैं तो फिर उनके बाण से भीषण चिंगारी के साथ अमृत को भी सुखा देने की शक्ति के साथ रावण वध हो जाता है, इस प्रकार के विचार से ओत प्रोत श्री एपीजे अब्दुल कलाम जी बड़े हुए आज उन्हें पूरा विश्व मिसाइल मैन के नाम से जानते हैं रामायण से श्री रामचंद्र जी के बाण से प्रेरणा लेकर हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जी ने अनगिनत मिसाइल बनाई ,जो मिसाइल अभी ऑपरेशन सिंदूर के द्वारा चलाई गई और पाकिस्तान अस्त-व्यस्त हो गया, मुख्य वक्ता के द्वारा पांडवों की शमी वृक्ष एवं शस्त्र पूजन , एवं हमारे सभी देवी देवताओं के हाथों में शास्त्र के साथ शस्त्र के विषय में विस्तार से जानकारी दिया गया, उन्होंने यह भी बताया की श्री शिवाजी महाराज विजयादशमी के दिन से सिम्लांघन का कार्य करते थे यही कार्य आर एस एस इस शताब्दी वर्ष पर कर रहा है भारत वर्ष के सभी मंडल में पथ संचलन का कार्यक्रमइसका उदाहरण है, एवं श्री शिवाजी महाराज ने अपने जीवन काल में 276 युद्ध लड़े एक भी में नहीं हारे क्योंकि वह योजना बद्ध तरीके से कार्य करते थे,परम पूजनीय संघ चालक श्री केशव बलि राम पंत हिडगेवार जी ने आज से 100 वर्ष पहले 1925 को विजयदशमी के दिन संघ का शुभारंभ किया सिर्फ 17 स्वयंसेवकों के साथ, इस पर भी विस्तार से मुख्य अतिथि ने अपनी बात कही, हमारे देश के वीर पृथ्वीराज चौहान जी सिराजुद्दौला जी के साथ हमारे ही लोगों ने गद्दारी की इस विषय पर भी उन्होंने अपनी व्याख्यान में पूरी बात कही अंत में उन्होंने बताया कि हमारे संघ के 44 संगठन इस देश में प्रत्यक्ष रूप से कार्य कर रहे हैं एवं केंद्र के सात कार्यक्रम जो इस शताब्दी वर्ष में संपन्न होने है उस पर भी विस्तार से उन्होंने इस विषय को रखा
विनोद गुप्ता-आरंग



