यहां की गई है गणेश जी के स्त्री अवतार के प्रतिमा की स्थापना-दर्शन करने रोज बड़ी संख्या में पहुच रहे है श्रद्धालु-आइये जाने इस अवतार की महिमा…
आरंग।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे राजा मोरध्वज की नगरी मदिरो का शहर आरंग नगर की देवी मां शीतला मंदिर प्रांगण के सामने मां शीतला गणेशोत्सव समिति शीतला पारा के द्वारा गणेश भगवान की मूर्ति विनायकी अवतार को पंडाल में साज सज्जा के साथ स्थापित किया गया है जो की आरंग नगर में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।आइये जानते है विनायकी अवतार के पीछे की कहानी है— भगवान गणेश के स्त्रीअवतार को गणेशानी ,विनायकी,गजमुखी और गणेश्वरी जैसे नाम से भी जाना जाता है पौराणिक कथा के अनुसार एक बार अंधक नाम का राक्षस मां पार्वती को अपनी पत्नी बनाना चाहता था शिव जी ने उसका वध भी किया लेकिन जैसे ही राक्षस का खून धरती पर गिरता तो नए राक्षस पैदा हो जाते इस तरह से अंधक राक्षस की संख्या बढ़ते ही जा रही थी मां पार्वती से सभी देवों ने शक्ति रूप में अवतार लेने की प्रार्थना की इसके बाद शिव जी ने शिवानी ब्रह्म जी ने ब्राम्हणी और वीरभद्र ने देवी भद्रकाली का रूप लेकर अंधक से युद्ध किया सभी देवों के स्त्री रूप ने भी अंधक को हराने में असफल रहे इसके बाद भगवान गणेश ने विनायकी अवतार लिया और अंधक के शरीर को बांधते हुवे अंधक के सारे खून को अपने सुड से खीच लिया और अंधक राक्षस का वध किया।
विनायकी अवतार की पूजा भारत देश के अलग अलग राज्यों में की जाती हैं। तमिलनाडु के कन्याकुमारी में 13 सौ साल पुराना मंदिर थानुमलायन है जहा पर भगवान गणेश की विनायकी प्रतिमा विराजित है। तिब्बत में गणेश जी को गणेशानि देवी के नाम से स्त्री रूप में पूजा जाता है उड़ीसा के हीरापुर में भी देवी विनायकी को पूजा जाता है राजस्थान के रेग्ट में पाचवी शताब्दी से भी पहले से देवी विनायकी की मूर्ति स्थापित है। आरंग नगर तथा आसपास ग्रामीण अंचल के श्रद्धालु विनायकी अवतार का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओ की भीड़ पंडाल पहुच रही है।आरंग नगर एवम विधान सभा क्षेत्र में पहले बार श्री गणेश जी की विनायकी अवतार प्रतिमा स्थापित किया गया है।
विनोद गुप्ता-आरंग