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महिलाओं ने उत्साह से मनाया कमरछठ का पर्व-की अपने संतान के दीर्घायु, सुख समृद्धि की कामना…

महिलाओं ने उत्साह से मनाया कमरछठ का पर्व-की अपने संतान के दीर्घायु, सुख समृद्धि की कामना…

आरंग।आज शनिवार को नगर में हलषष्ठी/ कमरछठ का पर्व उत्साह के मनाया। मंदिरों तथा सार्वजानिक स्थलों में महिलाएं एकत्र होकर सामूहिक रुप से विधि विधान से पूजा अर्चना कर अपने संतान और परिवार के सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।इसी क्रम में श्याम बाजार वैष्णव निवास हनुमान मंदिर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हलषष्ठी/ कमरछठ का पर्व नारी शक्तियों ने भाव भजन एवं सगरी के माध्यम से पूजा अर्चना आरती कर उत्साह से मनाया। इस अवसर पर महिलाओं ने दूध, दही घी, लाई, महुआ, पसहर चावल, नारियल एवं 6 प्रकार के अन्न आदि अर्पित कर भगवान गौरी गणेश, शंकर जी तथा बलराम जी एवं हलषष्ठी माता जी की भक्ति पूर्ण पूजा उपासना कर अपने संतान के दीर्घायु, सुख समृद्धि एवं संतान होने का आशीर्वाद की कामना की। प्रभारी विद्या अरविंद वैष्णव ने कथा सुनाने के दौरान बताया की महिलाएं उनकी माता स्वर्गीय वैष्णव देवी से जुड़ाव महसूस करती हैं और आज भी मंदिर आती है तथा स्वस्फूर्त होकर भजन आदि करती हैं।उन्होंने प्रेरित करते हुए कहा कि आज के इस पर्व का विशेष धार्मिक महत्व है क्योंकि महिलाएं बड़ी तन्मयता से इस व्रत को करती है तथा भगवान श्री बलराम जी की जयंती होने के कारण और इसका विशेष महत्व बढ़ जाता है। इस दिन महिलाएं बिना हल से जुते अन्न सब्जी आदि का उपयोग करती हैं क्योंकि हलषष्ठी के दिन हल से जुते अन्न का उपयोग वर्जित माना जाता है।इसमें 6 प्रकार की भाजी, 6 प्रकार के अन्न, पसहर चावल आदि का खास महत्व है। इस अवसर पर शिव शक्ति जागेश्वर महादेव महिला रामायण मंडली , प्रभारी विद्यावती वैष्णव, जया वर्मा, मनीषा साहू ,चांदनी साहू, टिकेश्वरी देवांगन, धानू साहू, भारती देवांगन, इंद्राणी देवांगन, शोभा चंद्राकर, नीमा सोनकर, सती सैनिक, दुलारी साहू, उमा साहू, जयश्री नेताम, कविता देवांगन, रामकली देवांगन, लोकेश्वरी देवांगन एवम भजन गायन में वाद्य यंत्र सहित,नूतन साहू , शोभा चंद्राकर, रामप्यारी देवांगन, रूखमणी देवांगन, कु सीमा जलक्षत्रि कु प्राजंलि वैष्णव आदि की सहभागिता रही।ज्ञात हो की इस व्रत का पारायण महिलाएं सूर्यास्त से पहले कर लेती हैं तथा संतान की सुख समृद्धि एवं मंगल कामना के लिए पीठ पर छह बार पोती लगाने की भी परंपरा है एवं पूजन सामग्री को जल में विसर्जित कर दिया जाता है।
विनोद गुप्ता-आरंग

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