मकर संक्रांति विशेष-30 वर्षों बाद मकर संक्रांति पर बन रहा है एक दुर्लभ संयोग-आइये जाने पुण्यकाल मुहूर्त….

सूर्यदेव जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है।इस वर्ष मकर संक्रांति का विशेष महत्व है क्योंकि 30 वर्षों बाद मकर संक्रांति पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तथा वर्तमान में शनिदेव मकर संक्राति पर अपने मूल त्रिकोण राशि यानी कुंभ विराजमान हैं।साथ ही इस दिन 19 वर्षों पश्चात दुर्लभ भौम पुष्य योग भी बन रहा है। इन सब शुभ योगों के फलस्वरूप इन योगों में किये जाने वाले कार्यों में सफलता प्राप्त होने की सम्भावना बढ़ जाती है।मकर संक्रान्ति- 14 जनवरी 2025( माघ कृष्ण प्रतिपदा) पुण्यकाल – प्रातः09:03-सायं06:15(अवधि-09:12घन्टे )
महापुण्यकाल-प्रातः09:03-प्रातः10:52(अवधि-01:49घन्टे)
मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन किसी असहाय व्यक्ति को तिल या उससे बनी हुई वस्तु का दान लाभकारी होगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शनिदेव अपने पिता सूर्य देव की पूजा के लिए काले तिल का प्रयोग किया था, जिससे प्रसन्न होकर शनि को भगवान सूर्य ने वरदान स्वरूप कहा था कि जो भी इस दिन तिल का दान करेगा, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। इसके अलावा तिल का दान करना शनिदोष को दूर करने में भी सहायक होता है।साथ ही साथ इस दिन रूद्राभिषेक करना भी शुभ होगा।
राशि अनुरूप दान:-
मकर राशि के जातक काले तिल का दान अवश्य करें। मेष, तुला, सिंह और मिथुन राशि के जातक राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए आप कंबल दान करें। वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातक चाँवल और फल का दान करें। वृषभ और कन्या राशि के जातकों को जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र दान करना चाहिए। वहीं कर्क राशि के जातक दूध या घी जरूर दान करें इससे लाभ होगा।आचार्य पं.अजीत कमलनारायण शर्मा (ज्योतिषाचार्य)


