बड़ी खबर-सौर उर्जा नीति के तहत ऑनग्रिड सोलर परियोजनाए स्थापित करने वाले उद्यमी परेशान-नही मिल पा रहा है नियम अनुरूप सुविधाएं
आरंग।छत्तीसगढ़ राजपत्र में दिनांक 20 नवम्बर 2020 को छ.ग. राज्य की सौर उर्जा नीति 2017-27 प्रकाशित नीति के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न उद्यमियो द्वारा अब तक 700 मेगावाट से अधिक की ऑनग्रिड सोलर परियोजनाए स्थापित हो चुकी हैं। परन्तु नौकरशाही की शिकार होकर सारी सुविधाए जो कि इस नीति के आलोक में इस क्षेत्र को मिलनी चाहिए थी आज पर्यंत नदारद है। परियोजना स्थापित करने वाले उद्यमियो ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य नवीन उर्जा के क्षेत्र में क्रेडा एवं उर्जा विभाग के बीच नूराकुश्ती का शिकार होकर रह गया है। एक तरफ जहा भारत सर्वाधिक यूनिकॉर्न स्थापित करने का कीर्तिमान गढ़ रहा है वहीं छत्तीसगढ़ में नव-उद्यमी सरकारी लालफीता शाही के शिकार होकर रह गए हैं। उन्होंने बताया कि सौर उर्जा नीति में उचित एवं समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शसक्त समिति गठित की गयी थी। परन्तु इस प्राथमिक वरीयता प्राप्त उद्योग को विभिन्न विषयो जैसे कि व्हीलिग एवं पारेषण प्रभार, बैंकिंग सहायता एवं अतिशेष बिजली के विक्रय का लाभ भी आज पर्यंत अप्राप्त है।पीड़ित उद्यमियो ने नई सरकार से अपेक्षा की है की इस क्षेत्र की समस्याओं को तेजी से हल कर अक्षय उर्जा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को देश में विशिष्ठ स्थान दिलाते हुए अपने राज्य में सतत औधोगिक विकास का मार्ग प्रशस्त करे।
विनोद गुप्ता-आरंग