बड़ी खबर-नगरीय निकाय चुनाव-एक ही EVM में होगा अध्यक्ष और पार्षद की वोटिंग-नोटा के लिए दो बटन-पढ़िए कैसे होगी वोटिंग

आरंग।नगरीय निकाय चुनावों में पहली बार ऐसा होगा कि नगर पालिका के अध्यक्ष व पार्षदों के लिए एक ही ईवीएम (बैलेट यूनिट) होगी। एक ही ईवीएम में पार्षद से लेकर अध्यक्ष के नाम व उन्हें आवंटित चुनाव चिह्न होंगे। इतना ही नहीं एक ही ईवीएम में नोटा के दो बटन भी होंगे। दो बटन नोटा और दो बटन पद यानी अध्यक्ष और पार्षद लिखा हुआ होने और एक बटन एंड का होने के कारण केवल 11 उम्मीदवारों के ही नाम एक ईवीएम में आ सकेंगे।आपको बता दे की लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव ईवीएम से कराए जाते हैं।
उसमें केवल सांसद व विधायकों के लिए मतदान होता है। इसलिए उन चुनावों में कन्फ्यूजन किसी को नहीं होता। अब नगरीय निकाय चुनावों में पहली बार पार्षद, अध्यक्ष के लिए अलग-अलग बैलेट यूनिट नहीं होगी बल्कि एक ही ईवीएम होगी। अध्यक्ष व पार्षद के लिए एक ही ईवीएम होगी।ऐसी स्थिति में वोटर्स को दुविधा हो सकती है। हो सकता है कि वह एक ही उम्मीदवार को वोट देकर निकल जाए और दूसरा छूट जाए इसलिए इस तरह मतदान के लिए लोगों को जागरुक करने कोई अभियान चलाया जाना आवश्यक हो गया है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के पूर्व स्वीप कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें लोगों को ईवीएम की जानकारी दी जाती है। मशीन में सबसे ऊपर होगा सिंबल ईवीएम में सबसे ऊपर जिसके लिए वोट करना होगा उसका शीर्षक लिखा रहेगा। जैसे नगर निगम है तो महापौर और नगरपालिका व पंचायत है तो अध्यक्ष का एक बटन होगा। इस बटन के बाद नगर निगमों में महापौर व नगर पालिका तथा नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों का नाम व उनके सिंबल सबसे ऊपर होगा। इसके बाद पार्षद लिखा एक बटन होगा उसके नीचे इस पद के उम्मीदवारों के नाम व सिंबल होंगे। फिर एक नोटा का बटन होगा।
उम्मीदवारों के नाम के नीचे होगा नोटा का बटन एक ईवीएम में नोटा के दो बटन होंगे, पहला बटन महापौर या अध्यक्ष के उम्मीदवारों के नाम के बाद होगा। नोटा का दूसरा बटन पार्षदों के नाम के बाद होगा। रिटर्निंग ऑफिसर पुष्पेंद्र शर्मा के अनुसार यदि महापौर या अध्यक्ष में से किसी को वोट नहीं देना है तो उनके नीचे नोटा के बटन को दबा सकते हैं। वहीं पार्षदों को वोट नहीं देना होगा तो दूसरे नंबर के नोटा का बटन दबा सकते हैं। किसी एक को ही वोट देने के लिए ये करना होगा ईवीएम में महापौर/अध्यक्ष व पार्षदों के नाम व सिंबल रहेंगे, किसी पद को लेकर कोई उम्मीदवार पसंद नहीं आने पर नोटा का विकल्प तो है ही। इसके अलावा यदि कोई वोटर महापौर /अध्यक्ष/पार्षद में से किसी एक को ही वोट देना चाहता है तो ऐसा भी कर सकता है। इसके लिए ईवीएम के अंत में एक एंड बटन भी दिया गया है। वह जिसे वोट देना चाहता है उसे वोट डालने के बाद सीधा एंड बटन दबा सकता है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बैलेट यूनिट के साथ ही एक वीवीपैट मशीन भी होती है। इस मशीन से आपने किसे वोट दिया इसकी पर्ची निकलती है, जिससे आप जान पाते हैं कि आपका वोट उसे ही गया है। निकाय चुनाव में वीवी पैट मशीन नहीं लगाई जाएगी।रिटर्निंग ऑफिसर पुष्पेंद्र शर्मा ने खबर छत्तीसगढ़ को जानकारी देते हुए बताया कि आयोग के निर्देशानुसार नाम वापसी के बाद से मतदान तिथि के दो दिन पूर्व तक प्रत्येक वार्ड में EVM के प्रदर्शन और मतदाताओं के प्रशिक्षण और जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। श्रीमती शीतल चन्द्रवंशी सीएमओ उपरोक्त कार्य के लिए नोडल अधिकारी होंगी।
विनोद गुप्ता-आरंग


