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फ्लावर डेकोरेशन एग्जीबिशन का आयोजन-रचनात्मक प्रकृति से जुड़ने और उसके दोबारा उपयोग के महत्व के बारे में दी गई जानकारी

फ्लावर डेकोरेशन एग्जीबिशन का आयोजन-रचनात्मक प्रकृति से जुड़ने और उसके दोबारा उपयोग के महत्व के बारे में दी गई जानकारी

आरंग। बद्री प्रसाद लोधी स्नातकोत्तर शासकीय महाविद्यालय आरंग रायपुर छत्तीसगढ़ में बॉटनी डिपार्टमेंट के SEC बॉटनी के छात्र छात्राओं के द्वारा फ्लोरीकल्चर के अंतर्गत फ्लावर डेकोरेशन का एग्जीबिशन किया गया जिसमें महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ आर अभ्या जोगलेकर ने छात्र-छात्राओं का उत्साह बढ़ाया इस एग्जीबिशन में रिसोर्स पर्सन के रूप में डॉ रेनू माहेश्वरी प्रिंसिपल नवीन गवर्नमेंट कॉलेज तामाशिवानी उपस्थिति रही उन्होंने छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन किया इस एग्जीबिशन के लिए उन्होंने उन्हें प्रेरित किया कि वह इससे अपने जीवन में बहुत कुछ सीख सकते हैं एवं आगे बढ़ सकते हैं जिन्हें बेकार और बेकाम समझ कर फेंक दिया जाता था उनसे नई वस्तुओं का कैसे निर्माण किया जा सकता है एवं उसको उपयोग में लाया जा सकता है।छात्र-छात्राओं के द्वारा फ्लावर डेकोरेशन के विभिन्न प्रकारों पर बहुत सुंदर प्रस्तुत किया जिसमें U, शेप्ड, ओवल शेप्ड फ्लावर बुके, कैस्केड, वर्टिकल, होरिजेंटल, ट्रायंगुलर शॉप, कास्ट, फ्लावर पॉट, तोरण, गजरा, ड्राई फ्लावर अरेंजमेंट, फ्रेमवर्क के साथ सूखे फूल और पत्तियों से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का निर्माण किया गया जिसमें टी कोस्टर, फ्रेम ट्रे, की रिंग, फ्रिज मैगनेट, उल्लेखनीय है।फ्लावर डेकोरेशन फ्लावर यूज्ड फॉर डेकोरेशन डिफरेंट आइडिया का फ्लावर डेकोरेशन फॉर होम फेस्टिवल ऑफिस गैलरी स्टेज वॉल स्टेबल गेट बॉटल डेकोरेशन इत्यादि. छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह से इस एग्जीबिशन में भाग लिया वे इस एग्जीबिशन से सीख लेकर लघु उद्योग के लिए भी तैयार हो रहे हैं इससे उन्हें जीवन में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं तथा वे अपना स्वयं का व्यवसाय भी कर सकते हैं कुछ छात्र-छात्राओं का स्वयं का अनुभव है इस विषय में उन्हें बहुत कुछ सीखने व जन को मिला जिससे वह अपना आगे का जीवन सरलता से व्यतीत कर सकते हैं सूखे पत्ते फूलों का उपयोग कर गुलदस्ता फ्रेम पोस्ट टी का निर्माण कर सकते हैं कुछ छात्र-छात्राओं ने अपना अनुभव शेयर किया कि सूखे फूलों और पत्तियों से टिकोस्टर, फ्रेम, की रिंग आदि बनाने से उन्हें रचनात्मक प्रकृति से जुड़ने और उसका दोबारा उपयोग के महत्व के बारे में शिक्षा मिलती है जिन्हें अक्सर बेकार मान लिया जाता है को रचनात्मक और उपयोगी वस्तुओं में बदलकर उन्हें बहुत अच्छा लगा जिसको दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है इस एग्जीबिशन में बहुत कुछ जानने को मिला। सूखे फूल को कैसे उपयोग में लाया जा सकता है पोस्टर बनाना सीखा।इस एग्जीबिशन को संचालित कर रही डॉक्टर इंदु सोनी के अलावा महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक गण एवं अतिथि प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
विनोद गुप्ता-आरंग

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