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डॉ केवरा यदु डाक्टरेट की मानद उपाधि से हुई सम्मानित-गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम हुआ दर्ज

डॉ केवरा यदु डाक्टरेट की मानद उपाधि से हुई सम्मानित-गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम हुआ दर्ज

आरंग। राजिम क्षेत्र की वरिष्ठ साहित्यकार पोखरा निवासी डाॅ केवरा यदु ‘मीरा’ के सहस्त्र दोहा छंद सृजन व “आयुर्वेद को जाने” पर 51 दोहा अमरबेल पर सृजन करने पर तंजानिया की ममता सैनी ने उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है।उल्लेखनीय साहित्य सृजन करने के लिए साहित्य के क्षेत्र में डाक्टरेट की मानक उपाधि से सम्मानित हुईं डाॅ केवरा यदु मीरा 40 वर्षों से सतत् लेखन कार्य में संलग्न हैं और अब तक 07 पुस्तकें लिख चुकी हैं। इनकी प्रकाशित साहित्यिक कृतियाँ में श्री राजिवलोचन भजनांजली , छत्तीसगढी काव्य संग्रह (सुन ले जिया के मोर बात), जस गीत छत्तीसगढ़ी भाग 1,जस गीत भाग 2 छत्तीसगढ़ी ,( होली गीत) छत्तीसगढ़ी में,(शक्ति चालीसा) हिन्दी में और इनकी प्रकाशनाधीन कृतियों में
(मीरा के प्रेरक दोहावली),एक हजार (व्यथा सहेजे नारी) हिन्दी, जड़ी बूटी ले उपचार छत्तीसगढी , मितानिन गीत छत्तीसगढी , छंद फुलवा छत्तीसगढी गजल संग्रह हिन्दी में शामिल है। उनकी इस सृजनात्मक कार्य के लिए मैजिक बुक एण्ड आर्ट यूनिवर्सिटी फरिदाबाद ने उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। इस उपलब्धि के लिए उनके रिश्तेदारों के साथ साहित्यकार मित्रों डॉ सुकमोती चौहान, तेरस कैवर्त्य आँसू, डॉ निरामनी श्रीवास, मनोरमा चंद्रा जी इंद्राणी साहू ,पद्मा साहू मनोहर वैष्णव जी ने बधाई दी।त्रिवेणी संगम साहित्य के साहित्यकार मकसूदन साहू,मोहनलाल मानिकपन, श्रवण कुमार साहू,रोहित साहू,किशोर निर्मलकर , तुषार शर्मा,भारत साहू ,नरेंद्र साहू , संतोष प्रकृति, प्रिया देवांगन कोमल साहू,व डाॅ रमेश सोनसायटी ने बधाई दी है।आपको बता दे डाॅ केवरा यदु ‘मीरा’ आरंग के शिक्षक स्व. खेदू राम यदु की बड़ी बहु है।
विनोद गुप्ता-आरंग

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