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जिले के सरपंचों को 6 माह से नहीं मिली 15 वें वित्त की राशि-गांवों में रुके विकास कार्य-इन्होंने की तत्काल आबंटन की मांग

जिले के सरपंचों को 6 माह से नहीं मिली 15 वें वित्त की राशि-गांवों में रुके विकास कार्य-इन्होंने की तत्काल आबंटन की मांग

आरंग। जिले के ग्राम पंचायतों को पिछले छह माह से 15वें वित्त आयोग की स्वीकृत राशि का आबंटन नहीं होने से गांवों में विकास कार्य ठप पड़ गए हैं। पेयजल, स्वच्छता, नाली निर्माण, सड़कों की मरम्मत जैसी बुनियादी सुविधाओं पर सीधा असर पड़ा है। स्थिति यह है कि कई पंचायतों में आवश्यक मरम्मत और जनसेवा से जुड़े कार्य सिर्फ फंड न मिल पाने के कारण अधूरे पड़े हुए हैं।इस गंभीर मुद्दे को जिला पंचायत सदस्य वतन चन्द्राकर ने प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि यदि सरपंचों को समय पर राशि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी तो ग्रामीण क्षेत्रों की योजनाएँ कागजों में सीमित रह जाएँगी, जबकि ग्रामीण जनता बुनियादी सुविधाओं के इंतजार में परेशान होती रहेगी।वतन चन्द्राकर ने शासन–प्रशासन से मांग की है कि 15वें वित्त की लंबित राशि का तत्काल आबंटन कर पंचायतों को उपलब्ध कराया जाए, ताकि गांवों में रुके हुए विकास कार्यों को गति मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि फंड जारी नहीं हुआ तो आगामी दिनों में जनसमस्याएँ और बढ़ेंगी, जिसका सीधा प्रभाव ग्रामीण जीवन पर पड़ेगा।ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने भी बताया कि फंड न होने के कारण वे हैंडपंप मरम्मत, स्ट्रीट लाइट सुधार, नाली–सफाई और अन्य आवश्यक कार्यों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कई पंचायतें तो आपात जरूरतों को भी पूरा करने में असमर्थ हैं।वतन चन्द्राकर ने कहा कि 15वें वित्त की राशि ग्रामीण विकास की रीढ़ है। इसके बिना न तो गुणवत्ता युक्त कार्य हो सकते हैं और न ही पंचायतें अपनी नियोजित गतिविधियाँ संचालित कर पा रही हैं। उन्होंने शासन से निवेदन किया है कि प्राथमिकता के आधार पर राशि जारी कर ग्रामीणों को राहत प्रदान की जाए।ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की सुचारू उपलब्धता और पंचायतों की नियमित कार्यप्रणाली के लिए यह मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विनोद गुप्ता-आरंग

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