खेती-किसानी-1010 और महामाया किस्म के धान की बालिया खेतों में लगे झूमने-किसान बीमारी से बचाने कर रहे तैयारियां

आरंग। नवरात्रि से 10 दिन पहले ही खेतों में हरहुना धान की बालियाँ झूमने लगी हैं। खासतौर पर 1010 और महामाया किस्म का धान इस बार तेजी से पककर किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रहा है। बलिया खेतों में झूमता हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे किसानों को उम्मीद है कि समय पर कटाई कर वे अगली फसल की तैयारी में भी जुट सकेंगे।किसानों का कहना है कि हरहुना धान की खासियत यही है कि यह कम समय में पककर तैयार हो जाता है। दशहरा-दीपावली पूर्व कटाई संभव होने से किसान न केवल अपना अन्न भंडार भर पाते हैं बल्कि रबी फसलों की बोवनी की भी पूरी तैयारी कर लेते हैं।हालाँकि, खेतों में तेजी से बढ़ रही नमी और मौसम के उतार-चढ़ाव को देखते हुए किसानों ने धान को बीमारी से बचाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। विशेषज्ञों की मानें तो इस समय पौधों में झुलसा और पत्ती की बीमारियों का खतरा बना रहता है। इसलिए किसान दवा छिड़काव के साथ-साथ खेतों में उचित जल निकासी और खाद प्रबंधन पर जोर दे रहे हैं।ग्राम रीवा के किसान दौलत राम साहू ने बताया कि हरहुना धान की यही विशेषता है कि यह जल्दी पकता है। 1010 और महामाया किस्म की फसल का बलिया अब खेतों में साफ नजर आने लगा है। सही समय पर छिड़काव करने से बीमारी का असर कम हो जाएगा।कृषि विशेषज्ञों का भी कहना है कि इस फसल के बचाव के लिए किसान यदि समय पर जैविक व रासायनिक छिड़काव करते हैं तो उत्पादन बेहतर मिलेगा और धान की गुणवत्ता भी बनी रहेगी।हरहुना किस्म के धान किसानों के लिए तेजी से आर्थिक संबल देने वाला धान माना जाता है। नवरात्रि पूर्व खेतों में इसकी कटाई शुरू होने से न केवल भंडार समृद्ध होंगे बल्कि अगली फसल की नींव भी मजबूत होगी।
विनोद गुप्ता-आरंग


